नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय केंद्र में नीतिगत नेतृत्व क्षमता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘चैम्पियन्स ऑफ द अर्थ अवार्ड 2018’ से सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से अवार्ड ग्रहण करते हुए।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के कार्यकारी निदेशक एरिक सोल्हिम, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वन, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मामलों के राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुरस्कार उन सभी अनजान लोगों के लिए है, जो वर्षों से दूरस्थ इलाकों, पर्वतीय क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं। यह पुरस्कार भारत की सतत, नई, शाश्वत और प्राचीन परंपरा के लिए सम्मान है और सतत ऊर्जा के लिए हमारी प्रतिबद्धता का परिचायक है। उन्होंने अन्य श्रेणियों में पुरस्कार से सम्मानित अन्य लोगों को भी बधाई दी। मोदी ने जोर देकर कहा कि जलवायु और आपदा का संस्कृति से सीधा संबंध है और जब तक जलवायु से जुड़े सरोकार हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं बन जाते, आपदाओं से बचना कठिन होगा। यह कहते हुए कि विश्व भर में आज पर्यावरण के प्रति भारत की संवेदनशीलता को महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की आदत को अपनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और आम लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए स्वच्छ वायु अभियान की चर्चा की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में अनेक नीतियां और कार्यक्रम शुरू किए हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारतीय त्याग परंपरा को ध्यान में रखते हुए पहले ही यह घोषणा कर दी है कि उन्होंने यह पुरस्कार भारतीय शाश्वत मूल्यों को समर्पित किया है।
