नई दिल्ली। भारत की दिग्गज खिलाड़ी एमसी मैरी कॉम ने शनिवार 24 नवंबर को इतिहास रच डाला। मैरी काॅम ने आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 10वें संस्करण में 48 किलोग्राम भारवर्ग का खिताब अपने नाम कर यह उपलब्धि हासिल की। मैरी कॉम ने फाइनल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से मात देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी के साथ मैरी कॉम छह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई।
इससे पहले मैरी कॉम ने साल 2002, 2005, 2006, 2008 और साल 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपनी झोली में डाला था। मैरी कॉम ने एक खिताब 45 किग्रा, तीन वर्ल्ड खिताब 46 किग्रा भार वर्ग और आखिरी दो खिताब 48 किग्रा वजन वर्ग मे जीता है। इसके अलावा साल 2001 में मैरी इसी भार वर्ग में उपविजेता रही थीं। और उन्होंने सिल्वर पदक जीता था।
छह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बनी मैरी कॉम
मैरी विश्व चैंपियनशिप (महिला एवं पुरुष) में सबसे अधिक पदक भी जीतने वाली खिलाड़ी बन गई हैं। मैरी कॉम ने छह स्वर्ण और एक रजत जीत कर क्यूबा के फेलिक्स सेवोन (91 किलोग्राम भारवर्ग) की बराबरी की। फेलिक्स ने 1986 से 1999 के बीच छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। रिकॉर्ड जीत के बाद मैरी कॉम बहुत ही भावुक हो गईं। मैरी काॅम ने आंसुओं के साथ कहा कि मैं भारत को स्वर्ण पदक के अलावा और कुछ नहीं दे सकती। साथ ही, उन्होंने रिकॉर्ड छठी बार चैंपियनशिप जीत के बाद ओलिंपिक खेलों में ज्यादा भार वर्ग में भाग लेने के संघर्ष को भी बयां किया।
