जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अधिकारियों को बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई की योजनाओं की नियमित समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा, सिंचाई सुविधा के विस्तार और नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य करें। विभागीय योजनाओं में किसी भी तरह की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वे सोमवार को समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना के संवेदक को वर्क ऑर्डर जारी करने से पहले उससे संबंधित सभी तरह के ड्राइंग और डिजाइन फाइनल कर लें ताकि कार्य शुरू करने में देरी नहीं हो। जिन योजनाओं की भौतिक प्रगति कार्ययोजना के अनुरूप संतोषजनक नहीं है, उनके संवेदक के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारी को शो-कॉज जारी करें। इस मौके पर प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, अपर सचिव नवीन, बाढ़ नियंत्रण के अभियंता प्रमुख मनोज रमण, सिंचाई सृजन के अभियंता प्रमुख नंद कुमार झा, योजना एवं मॉनिटरिंग के मुख्य अभियंता संजय कुमार ओझा सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे। वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रक्षेत्र के मुख्य अभियंता जुड़े थे। 5 करोड़ रुपए से ऊपर की योजना की समीक्षा 5 करोड़ से अधिक लागत वाली बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई योजनाओं की प्रगति के साथ आवंटन और व्यय का प्रक्षेत्र वार समीक्षा की गई। इस दौरान मंत्री ने विभाग के संबंधित अधिकारी को सभी योजनाओं की तिमाही कार्ययोजना मुख्यालय भिजवाने, किसी भी योजना में आने वाली समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक के निर्देशों का अनुपालन क्षेत्रीय स्तर पर हो रहा है या नहीं, इसकी नियमित समीक्षा करें।
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