रोडवेज बसें चले तो आवागमन के लिए सुलभ व सुरक्षित साधन भी मिले

रोडवेज बसें चले तो आवागमन के लिए सुलभ व सुरक्षित साधन भी मिले

नैनवां. एनएच 148डी पर रोडवेज बसों का संचालन हो जाए तो आवागमन के लिए सुलभ व सुरक्षित साधन मिल जाए और आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।

हाइवे पर हुई दुर्घटनाओं के आंकड़ों में सबसे ज्यादा मौते बाइक, जीप व कार सवारों की ही हुई है। हाइवे पर मात्र एक ही रोडवेज बस का संचालन हो रहा है। बसों के संचालन का अभाव होने से इस रूट के गांवों, कस्बों व शहरों तक निजी साधनों बाइक, जीप या कार ही आवागमन के साधन होते है। बसों का संचालन बढ़ जाए तो राज्य पथ परिवहन निगम की आय बढ़ोतरी भी हो और आवागमन का सुरक्षित साधन मिलने से दुर्घटनाओं में भी कमी आ जाए।

बस स्टॉप बना रखे, बसें नही चलाते
एनएचएआई ने नैनवां से हिण्डोली के बीच बूंदी जिले की सीमा शुरू होते ही कासपुरिया, कचरावता, समरावता, रजलावता, कीरो का झोपड़ा, टोपा, दियाली, महावीरपुरा, सिसोला, जजावर, कुम्हराला बालाजी, रुनिजा, गोठड़ा, सुखपुरा, दुर्गापुरा, मेंडी तिराहा पर गांवो के बाहर बस स्टॉप टीनशेड बना रखे है।

इन आगारों की बसें चलाई जा सकती
निगम के जानकारों का कहना है कि एनएच 148 डी पर भीलवाड़ा से सवाईमाधोपुर वाया नैनवां-हिंडोली, अजमेर से सवाईमाधोपुर वाया हिंडोली- नैनवां, कोटा से जयपुर, झालावाड़ से जयपुर वाया हिंडोली-नैनवां चलाकर राजस्व प्राप्त कर सकता है। कोटा से जयपुर, झालावाड़ से बूंदी, टोंक होकर चलने वाली कुछ बसों का हिंडोली से नैनवां होकर रुट डायवर्ट किया जाकर रोडवेज बसों के संचालन की कमी को दूर किया जा सकता है।

इन शहरों से जुड़ाव हो जाए
नैनवां से हिंडोली के बीच पर्याप्त बसों का संचालन हो जाए तो नैनवां, देई, उनियारा, अलीगढ़ कस्बो सहित आसपास के 50 गांवों के लोगों अजमेर, ब्यावर, जोधपुर, पाली जैसे महानगरों को जाने के सीधी बस सेवा सुविधा मिल सकती है।

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