साल में अब दो बार स्नातक-स्नातकोत्तर कोर्स में प्रवेश देगा जीयू

साल में अब दो बार स्नातक-स्नातकोत्तर कोर्स में प्रवेश देगा जीयू

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी किए गए आदेश पर अमल करते हुए गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) ने साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया करने की घोषणा की है। राज्य में संभवत: जीयू ही पहला विवि है जिसने यह घोषणा की है।जीयू ने इस संबंध में सभी संबद्ध कॉलेजों और भवनों को परिपत्र जारी किया है। इसमें कहा है कि विवि ने निर्णय किया है कि यूजीसी की गाइड लाइन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स की सभी डिग्रियों के लिए साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया का आयोजन होगा। इसके तहत जनवरी 2025 से दूसरे सत्र की प्रवेेश प्रक्रिया होगी।

प्रवेश वंचितों को मिलेगा प्रवेश

जीयू के तहत जनवरी 2025 में होने वाली दूसरे सत्र की प्रवेश प्रक्रिया में यूजी और पीजी कोर्स की पहले सत्र में रिक्त रहीं सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। पहले सत्र में किसी कारणवश प्रवेश से वंचित रहने वाले या फिर प्रवेश प्रक्रिया के बाद 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। किस कोर्स में कितनी सीटें खाली हैं, उसका ब्यौरा 5 दिनों में जीयू को गुगल शीट में भरकर भेजने को कहा है। कोई सुझाव या आपत्ति हो तो उसे भी ईमेल के जरिए भेजा जा सकता है।

दूसरे सेमेस्टर में दिया जाएगा दाखिला

जीयू के तहत जनवरी 2025 में होने वाली शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के दूसरे सत्र की प्रवेश प्रक्रिया में विद्यार्थियों को यूजी व पीजी के दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। तीन वर्षीय यूजी कोर्स में विद्यार्थी को दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश मिलेगा। वह पहले और दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई करेगा, उसके बाद पहले सेमेस्टर की। इसी प्रकार से दूसरे साल में पहले चौथे सेमेस्टर की फिर तीसरे सेमेस्टर की और तीसरे साल में पहले छठे सेमेस्टर की और फिर पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई करेगा। फिर उसे डिग्री मिलेगी। चार साल के कोर्स में वह पहले आठवें सेमेस्टर की पढ़ाई करेगा और फिर सातवें सेमेस्टर की। इसी प्रकार से पीजी कोर्स में वह जनवरी में सीधे दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश लेगा और दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई करेगा। यह जनवरी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए सिस्टम बनाया है ताकि कॉलेजों में क्लासरूम और प्राध्यापकों की कमी आड़े नहीं आए। जनवरी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी पढ़ाई के प्रति ज्यादा गंभीर होंगे। ऐसा भी विवि का मानना है।

10 फीसदी सीटें बढ़ाने की तैयारी, जीसीएएस को लिखा पत्र

जीयू ने इस निर्णय पर अमल करने के लिए जरूरत पड़ने पर यूजी-पीजी कोर्स में क्षमता की 10 फीसदी सीटें बढ़ाने की भी तैयारी की है। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया करने को फिलहाल तो गुजरात कॉमन एडमीशन सर्विस (जीसीएएस) पोर्टल को पत्र लिखा है। उनके इनकार करने पर समर्थ पोर्टल नहीं तो जीयू के खुद के पोर्टल से प्रवेश प्रक्रिया की जाएगी। जीयू में यूजी-पीजी कोर्स में करीब 60 हजार सीटें हैं, जिसमें से 8 से 9 हजार सीटें रिक्त रही हैं।

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