अररिया जिले के सिकटी प्रखंड के ठेंगापुर पंचायत के सतवेर गांव में शुक्रवार की शाम धान की रोपाई के दौरान वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं तीन अन्य घायल हो गए। घटना उस समय हुई जब लोग खेत में धान की रोपाई कर रहे थे। अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए सभी एक पेड़ के नीचे इकट्ठा हो गए। तभी पेड़ पर वज्रपात हुआ। वज्रपात की चपेट में आने से सतवेर गांव निवासी ज्ञानचंद मंडल की पत्नी आशा देवी (30) और ब्रह्मदेव मंडल के बेटे भागरथ मंडल (25) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 15 वर्षीय पल्लवी कुमारी, 45 वर्षीय सुगंधा देवी और 35 वर्षीय बुचिया देवी घायल हो गईं। घायलों को तुरंत सिकटी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने आशा देवी और भागरथ मंडल को मृत घोषित कर दिया। घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग की स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में पेड़ों के नीचे शरण लेना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने और खुले मैदान या पेड़ों के पास न रुकने की अपील की है। अररिया जिले के सिकटी प्रखंड के ठेंगापुर पंचायत के सतवेर गांव में शुक्रवार की शाम धान की रोपाई के दौरान वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं तीन अन्य घायल हो गए। घटना उस समय हुई जब लोग खेत में धान की रोपाई कर रहे थे। अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए सभी एक पेड़ के नीचे इकट्ठा हो गए। तभी पेड़ पर वज्रपात हुआ। वज्रपात की चपेट में आने से सतवेर गांव निवासी ज्ञानचंद मंडल की पत्नी आशा देवी (30) और ब्रह्मदेव मंडल के बेटे भागरथ मंडल (25) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 15 वर्षीय पल्लवी कुमारी, 45 वर्षीय सुगंधा देवी और 35 वर्षीय बुचिया देवी घायल हो गईं। घायलों को तुरंत सिकटी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने आशा देवी और भागरथ मंडल को मृत घोषित कर दिया। घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग की स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में पेड़ों के नीचे शरण लेना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्कता बरतने और खुले मैदान या पेड़ों के पास न रुकने की अपील की है।