जयपुर। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस बागियों से चिंतित है। टिकट वितरण के बाद नाराज हुए नेताओं में से कुछ तो मान-मन्नोवल के बाद पार्टियों के साथ प्रचार में लग गए। लेकिन कई ऐसे भी रहे जिन्होनें पार्टी के बड़े नेताओं की बात को अनसुना किया और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए। प्रदेश की 50 से अधिक सीटों पर दोनों पार्टियों में बड़े बागी मैदान में हैं। भाजपा के राज्य सरकार में मंत्री रहे चार मंत्रियों सहित आठ विधायक बगावत कर चुनावी दंगल में कूद गए हैं। इनमें कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र गोयल, हेम सिंह भडाना, राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा एवं धनसिंह रावत शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, डॉ. सीएस वैद, रमेश खींची और पूर्व विधायक सीएल प्रेमी के चुनावी मैदान मे उतरने से कांग्रेस चिंतित है। जहां भाजपा आठ बागियों को मना पाई वहीं कांग्रेस सिर्फ चार बागियों को मना पाई। कांग्रेस के कठूमर से पूर्व विधायक रमेश खींची, केशोरायपाटन से सी.एल.प्रेमी, खंडेला से पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, दूदू से बाबूलाल नागर, किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया, तारानगर से डा. सी.एस.वैद, बारां-अटरू से धर्मराज मेहरा, कुशलगढ़ से रमीला खडिय़ा, सुजानगढ़ से बीदासर प्रधान संतोष मेघवाल, रतनगढ़ से पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा, बांदीकुई से इंजीनियर वेद प्रकाश शर्मा, सलूंबर से पूर्व प्रधान रेशमा मीणा, सिवाना से बालाराम चौधरी, विद्याधर नगर से विक्रम सिंह शेखावत, बीकानेर पूर्व एवं पश्चिम से गोपाल गहलोत, नीमका थाना पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल, मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह। शाहपुरा से आलोक बेनीवाल मैदान में है। भाजपा के थानागाजी से विधायक हेमसिंह भडाना, जैतारण से विधायक सुरेंद्र गोयल, बांसवाड़ा से मौजूदा विधायक धनसिंह रावत, घाटोल से विधायक नवनीतलाल निनामा, श्रीडूंगरगढ़ से किशना राम नाई, डूंगरपुर से विधायक देवेंद्र कटारा, सागवाड़ा से विधायक अनिता कटारा, रतनगढ़ से राजकुमार रिणवा, सुजानगढ़ से रामेश्वर भाटी, परबतसर से राकेश मेघवाल, तारानगर से त्रिलोकाराम कस्वां, बांदीकुई से रामकरण सैनी, फुलेरा से जयपुर जिला देहात के पूर्व अध्यक्ष डीडी कुमावत, बानसूर से यूआईटी चेयरमैन देवी सिंह शेखावत शामिल मैदान में उतरे हैं।
