नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होगा। यह 8 जनवरी, 2019 तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक इस सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की 29 दिन के शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकें होंगी। अगले लोकसभा चुनाव से पहले ये संसद का आखरी शीतकालीन सत्र होगा। सरकार के एजेंडा में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 15 बिल शामिल किये गए हैं जबकि राज्यसभा में 8 बिल शामिल किये गए हैं। इससे पहले 10 दिसंबर को सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों को शीतकालीन सत्र में सकारात्मक माहौल बनाने तथा लोक कल्याण से संबंधित विषयों का सामूहिक समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया। ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सुचारू रुप से कामकाज सुनिश्चित करते हुए देश और जनता की सेवा के लिए योगदान करने के हम लोगों का प्राथमिक दायित्व है।‘
सभी नेताओं ने बाधारहित ढंग से संसद का कामकाज सुचारूरप से सुनिश्चत करने तथा संसद के दोनों संदनों में सकारात्मक विचार विमर्श के माध्यम से गतिरोध समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए केन्द्रीय संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास. पंचायती राज तथा खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने संसद के दोनों संदनों का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों, विशेष कर विपक्षी दल, से सहयोग का अनुरोध किया है।
तोमर ने बताया कि शीतकालीन सत्र में सभी दलों ने कामकाज सुचारू रूप से चलाने के पक्ष में राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रक्रिया नियमों के अंतगर्त किसी भी विषय पर संदन में विचार विमर्श के लिए तैयार है।
तोमर ने बताया कि 29 दिन के सत्र में संसद की 20 बैठकें होंगी। शीतकालीन सत्र-2018 के दौरान 46 विषयों (इसमें 45 विधेयक तथा एक वित्तीय विषय शामिल हैं) पर चर्चा होगी। सर्वदलीय बैठक में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कारपोरेट मामलों के मंत्री अरूण जेटली, संसदीय कार्य तथा सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री विजय गोयल, संसदीय कार्य तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा अन्य मंत्री उपस्थित थे।
