जयपुर। विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम 11 दिसंबर को घोषित हो गए। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस व भाजपा के बीच जोरदार मुकाबला रहा। पिछले दो दशक से जारी ट्रेंड इस बार भी जारी रहा। राजस्थान में लगातार 5वीं बार सरकार बदली है। भाजपा का पुनः सत्ता में आने का सपना पूरा नहीं हो सका। कांग्रेस ने दुबारा सत्ता में वापसी की। निर्वाचन विभाग द्वारा जारी परिणामों के अनुसार कांग्रेस को 99, भाजपा को 73 सीटें प्राप्त हुई। वहीं बसपा को 6, सीपीएम को 2, निर्दलीय व अन्य दलों के 19 उम्मीदवार भी जीतें। आप पार्टी कोई कमाल नहीं दिखा पाई। बेनीवाल की पार्टी ने 3 सीटें जीती, भारत वाहिनी पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई, खुद घनश्याम तिवाड़ी हार गए। प्रदेश की 199 सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान हुआ था। अलवर की रामगढ़ सीट से बसपा प्रत्याशी की मृत्यु हो जाने से मतदान को स्थगित किया गया था।
भाजपा की हार को स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्यपाल कल्याण सिंह को इस्तीफा सौंप दिया। राजे ने 11 दिसंबर को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र सौंपा। राजे ने अपने त्यागपत्र में उल्लेख किया है कि राजस्थान विधान सभा चुनाव 2018 में जनता से प्राप्त जनादेश का सम्मान करते हुए वे त्यागपत्र दे रही हैं। राज्यपाल सिंह ने राजे का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया।
वहीं अविनाश पाण्डे के नेतृत्व में इण्डियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल ने राज्यपाल कल्याण सिंह से 12 दिसंबर को रात में राजभवन में मुलाकात की। दल ने राज्यपाल सिंह को राजस्थान प्रदेश में सरकार बनाने के दावे का पत्र प्रस्तुत किया। शिष्ट मंडल ने राज्यपाल सिंह सेे आग्रह किया है कि इंण्डियन नेशनल कांग्रेस दल के दावे को स्वीकार करें। राज्यपाल सिंह को पाण्डेय ने बताया कि विधायक दल के नेता के नाम पर चर्चा चल रही है, जिसके संबध में जल्द ही अवगत करवा दिया जायेगा।
