जयपुर। अशोक गहलोत राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। इसके साथ ही सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बने रहेंगे। यह जानकारी कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दी। दिल्ली से अशोक गहलोत और सचिन पायलट जयपुर पहुंचे। जयपुर पहुंचते ही एयरपोर्ट पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने दोनों का जोर-शोर से स्वागत किया। विधायक दल की बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे। जहां राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात की। सोमवार 17 दिसंबर को राजभवन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा।
अशोक गहलोत
तीन मई 1951 को राजस्थान के जोधपुर में मशहूर जादूगर लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर में अशोक गहलोत का जन्म हुआ। विज्ञान और कानून से ग्रेजुएशन के बाद अर्थशास्त्र से एमए की पढ़ाई की। 27 नवंबर 1977 को सुनीता गहलोत से शादी रचाने के बाद गहलोत की दो संतान है। बेटे का नाम वैभव तो बेटी का नाम सोनिया है। अशोक गहलोत को तीन-तीन प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में काम करने का मौका मिल चुका है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में शामिल रहे। नेहरू परिवार और राहुल गांधी के भरोसेमंद नेताओं में शुमार अशोक गहलोत छात्र राजनीति से इस मुकाम तक पहुंचे। एनएसयूआई से राजनीति शुरू करने वाले अशोक गहलोत बाद में यूथ कांग्रेस और सेवा दल से होते हुए कांग्रेस की मुख्य धारा में पहुंचे। राजस्थान में महज 34 साल की उम्र में ही प्रदेश अध्यक्ष होने का भी रिकार्ड भी उनके पास है।
वे राजस्थान के तीसरी बार वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है। 40 वर्षों से भी ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय हैं। 2004-2008 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 2003 में अपनी सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें विपक्ष में बैठे। पहली बार 1 दिसंबर 1998 को मुख्यमंत्री बने। उस वक्त विधायक नहीं थे तो सीट खाली हुई और फिर सरदारपुर से उपचुनाव जीतकर विधायक बने। पहली बार आठ दिसंबर 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद फिर 2008 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने जीता तो दोबारा मुख्यमंत्री बने। इस बार 13 दिसंबर 2013 तक मुख्यमंत्री रहे। कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के कुछ महीने बाद इस साल अप्रैल में राहुल गांधी ने जब अपनी टीम बनाई तो उन्हें महासचिव बनाया गया।
गहलौत ने पहली बार 1980 में जोधपुर से लोकसभा चुनाव जीता. फिर वह 1984, 1991, 1996 और 1998 में चुनाव जीतकर सांसद बने। 1999 में सरदारपुरा जोधपुर से विधानसभा का उपचुनाव जीते। फिर वह 2003 में भी विधानसभा चुनाव जीते।
सचिन पायलट
सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर सन् 1977 को उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में हुआ था। नोयडा में वेदपुरा उनका पुश्तैनी गांव है। उनके पिता राजेश पायलट कांग्रेस के जाने-माने नेता और केंद्रीय मंत्री थे। सचिन पायलट ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल से प्राप्त की तथा नई दिल्ली के ही सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक किया, तत्पश्चात उन्होंने अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। सचिन पायलट ने 10 फरवरी के दिन कांग्रेस से जुड़ने के साथ अपने राजनीतिक जीवन का पदार्पण किया।
सचिन पायलट ने पहली बार 14वीं लोकसभा में दौसा से जीत हासिल की थी। तब वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, उस वक्त सचिन की उम्र मात्र 26 वर्ष थी, इसके बाद वह 2009 में अजमेर से लोकसभा सांसद चुने गए और इस बार टोंक से विधायक चुने गए हैं। इस बार उन्होंने बीजेपी के एकमात्र मुस्लिम कैंडिडेट युनूस खान को 54,179 वोटों के भारी अंतर से हराया है। सचिन पायलट पिछले 5 साल से राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।
