जयपुर। शहर के सुरीले फनकार हरबंस ग्रेवाल ने अपनी खुशगुलूई आवाज में सुरों का सम्मोहन बिखेर प्रात:कालीन राग-रागनियों का लालित्य छलकाया। संगीत आश्रम संस्थान की ओर से 13 जनवरी को शास्त्री नगर स्थित साइंसपार्क प्रांगण में म्यूजिक विद् नेचर के तहत संजोई प्रात:कालीन राग-रागनियों की शास्त्रीय संगीत सभा ने संगीत दीवानों को सुरों की ताजगी से सुरीला अहसास कराया।
भोर भई मनवा जागो…
कलाकार हरबंस ग्रेवाल ने राग नट भैरव से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। इसमें उन्होंने अति विलंबित एक ताल में निबद्ध रचना भोर भई मनवा जागो… को पूरे मनोयोग से पेश कर राग नैसर्गिक सौन्दर्य निखारा। फिर तीन ताल में निबद्ध इसी राग का छोटा ख्याल की बंदिश माईं मोरी नैना बसे रघुबीर…को सुरों की सूक्ष्मता से पेश कर श्रोताओं के दिलों को छू लिया। इसके बाद इस फनकार ने राग अहीर भैरव के सुर साधे। इसमें उन्होंने मध्यलय तीन ताल में निबद्ध बंदिश आन जाग्यो भोर ही बालम…की उम्दा प्रस्तुति देकर सुबह का मौसम खुशगवार बना दिया। तबले पर वरिष्ठ कलाकार महेन्द्र शंकर डांगी, हारमोनियम पर शेर खान और तानपूरे पर अंजलि खुशवाहा ने प्रभावी संगति की। संचालन वीना अनुपम ने किया। अंत में संस्थान के अमित अनुपम ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।
