जयपुर। संगीत आश्रम संस्थान, शास्त्री नगर के संगीत विद्यार्थियों ने समवेत स्वर में वतनपरस्ती के नगमें गुनगुनाकर पुलवामा आतंकी हमले में हुए शहीदों को भावभीनी स्वरांजलि दी। संस्थान की ओर से 27 फरवरी को संस्थान सभागार में क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में ए मेरे वतन के लोगों…, अब तुम्हारे हवाले वतन…जैसे वतनपरस्ती नगमें पेश कर समां में देशभक्ति का जज्बा, जुनून और जोश भर दिया।
इसके बाद कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत की राग-रागनियों के सुर साधे। शिल्पा जसूजा ने तीन ताल में निबद्ध राग जैतश्री में छोटा ख्याल मानन न कीजै अपने बलम…को पूरे मनोयोग से पेश किया। प्राजक्ता जायसवाल ने तिलक कामोद की बंदिश नीर भरन कैसे जाऊं…को सधे स्वरों में नजाकत से प्रस्तुत कर प्रशंसा पाई। कलाकार संध्या असवाल ने राग कामोद पिरायी बंदिश कारे जाने न दूंगी…की प्रस्तुति में सुर,लय और ताल कर उम्दा बानगी दर्शाकर माहौल शास्त्रीय सुरों का सुरूर भर दिया। नीता गौड़ ने राग शुद्ध कल्याण की रचना बाजे रे बाजे…,मधुमिता सेन ने राग बिहाग की बंदिश मेरो मन अटक्यो.., सुमित्रा अग्रवाल ने राग मियां मल्हार की रचना गरज, गरज घन बरसे… को सुरुचिपूर्ण ढंग से पेश कर कार्यक्रम में रंग जमाया। कलाकार यश सोनी ने बांसुरी पर राग भूपाली के सुर साधे। कार्यक्रम में जीनस कंवर, रजनी कुमावत, गरिमा पंजाबी, ध्रुवी, गौरिका, अलिशा जार्ज, ममता शर्मा, अमित अग्रवाल ने राग देस, सोहनी, मल्हार, बागे आदि रागों को अपनी नफीस गायकी पिरोकर माहौल शास्त्रीयता के रंग में रंग दिया। इससे पहले दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। तबले पर इदरिश खान, पुरुषोत्तम, दिलशाद खान और हारमोनियम पर हरीश नागौरी व अंजना गुप्ता ने संगत की। संचालन बीना अनुपम ने किया। अंत में संस्थान सचिव अमित अनुपम ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।
