
आयुषी पारीक
जयपुर। कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। इसी जज्बे के साथ आगे बढती गई सिन्धु नगर, मुरलीपुरा जयपुर में रहने वाली पहली विजुअली चैलेंज्ड फीमेल आयुषी पारीक। हाल ही में दिव्यांग आयुषी पारीक ने राजस्थान विवि से पीएचडी कर मिसाल पेश की है। उन्होंने प्रिवेंशन ऑफ ग्लोबल वार्मिंग विथ स्पेशियल रेफरेंस टू डिप्लिशन ऑफ ओजोन लेयर ए कंपरेटिव स्टडी ऑफ इंटरनेशनल एंड इंडियन एनवायरमेंटल लॉ विषय पर पीएचडी की है। उन्होंने यह लॉ डिपार्टमेंट के डॉ. एचएम मित्तल के निर्देशन में अपनी पीएचडी पूरी की है। आयुषी ने दस साल की उम्र में राजस्थान बोर्ड से दसवीं और 12 साल की उम्र में 12वीं कक्षा पास कर ली थी। इसके बाद बीए और लॉ किया। राजस्थान विवि से डबल एलएलएम किया। नेट और सेट परीक्षा उत्तीर्ण की। वह जज बनना चाहती है।
“आयुषी बताती है मैंने इस कमी को गॉड गिफ्ट के तौर पर लिया है। हां मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरी फैमिली नें मेरा हमेशा साथ दिया। मम्मी ने मेरी पढ़ाई में बहुत साथ दिया।”
चार साल की उम्र तक आयुषी भी अन्य बच्चों की तरह हंसती-खेलती थी। तब उसकी आंखों में पानी आने लगा। जयपुर में इलाज कराया लेकिन इलाज सफल नहीं होने पर परिवार वाले इलाज के लिए दिल्ली लेकर गए। दिल्ली में ऑपरेशन सफल नहीं रहा। दोनों आंखों की रोशनी सदा के लिए चली गई। इससे सभी परिवार वाले स्तब्ध हो गए लेकिन आयुषी और उसके परिवार वाले टूटे नहीं। उन्होंने हार नहीं मानी और आयुषी को आगे बढने में सभी ने दिन-रात साथ दिया। आयुषी ने केवल 21 साल की उम्र में राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की और बाद में एलएलएम किया। बार कांउसिल ऑफ राजस्थान से 2012 में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड हुई। उन्हें 2012 में विजुअली चैलेंज्ड घोषित किया गया। 2014 मेें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हुआ। आयुषी का जन्म 29 मार्च 1991 को हुआ था। चार भाई-बहनों में सबसे छोटी आयुषी के पिता जगदीश नारायण सिनेमा हॉल में ऑपरेटर थे। मां प्रेमलता पारीक महिला एवं बाल विकास में सुपरवाइजर थी। मध्यम आर्थिक स्थिति वाले परिवार की आयुषी हमेशा क्लॉस में टॉप रही। बड़ी बहन श्वेता जूलॉजी में एमएससी है। एक भाई श्वेतराज वकील है, और दूसरे भाई पार्थ होंडा कंपनी में सेल्स मैनेजर है।
11 साल की उम्र में दसवीं पास
वह बगैर किसी के सहारे घर का सारा काम करती है। नोट छूकर बता देती है कि कितने का है। आयुषी ने महज 11 साल की उम्र में प्राइवेट परीक्षा देकर 10वी कक्षा 77.14 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पास की। 2007 में बाल दिवस पर दिल्ली में तत्कालिन केंद्रीय मंत्री रेणुका चैधरी ने सम्मानित किया। पहली विजुअली चैलेंज्ड फीमेल बनने पर जयपुर में महारानी पद्मिनी ने 2013 में अवार्ड दिया। आयुषी को कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हो चुके है।
