चुनाव आयोग तक विपक्ष के मार्च को लेकर हुए हाई-वोल्टेज ड्रामा के एक दिन बाद, इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने बिहार में कथित मतदाता धोखाधड़ी और एसआईआर अभ्यास के खिलाफ मंगलवार को अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा की जा रही मतदाता सूची पुनरीक्षण की कवायद के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’(इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों के कई सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
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इनमें से कई सांसदों ने सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर राज्य की मतदाता सूची में कथित तौर पर शामिल ‘124 वर्षीय एक मतदाता’ का नाम अंकित था। मिंता देवी उन मतदाताओं में से एक थीं जिनका ज़िक्र कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित मतदाता धोखाधड़ी के मुद्दे पर दिए गए प्रेजेंटेशन में किया गया था। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि “124 वर्षीय मिंता देवी” हाल ही में जारी बिहार की मसौदा मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाता हैं। मसौदा सूची में मिंता देवी की उम्र 124 वर्ष दर्ज है, जो दुनिया के सत्यापित सबसे बुजुर्ग व्यक्ति से नौ साल ज़्यादा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, द्रमुक के टीआर बालू, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, साथ ही वामपंथी दलों एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य संसद के मकर द्वार के पास एकत्र हुए।
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उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और नारे लगाते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की।
यह विपक्षी दलों के सांसदों के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन का 15वां दिन है।
प्रदर्शनकारी सांसदों के सामने लगाए गए एक बैनर पर लिखा था ‘‘हमारा वोट, हमारा अधिकार, हमारी लड़ाई।’’
प्रदर्शनकारी सांसदों द्वारा लिए गए एक अन्य बैनर पर लिखा था ‘‘एसआईआर – साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’’।
प्रियंका गांधी समेत कई सांसद सफेद टी-शर्ट पहने नजर आए, जिन पर ‘मिंता देवी’ का नाम और उनकी तस्वीर छपी थी और पीछे ‘124 नॉट आउट’ लिखा था।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार और ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय निर्वाचन आयोग भाजपा का एक विभाग बन गया है।
उन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए आरोप लगाया, ‘‘मिंता देवी पहली बार मतदाता बनी हैं और उनकी उम्र 124 साल है। मतदाता सूची में उनका नाम पहली बार मतदाता के रूप में दर्ज है। हम ऐसे मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। निर्वाचन आयोग भाजपा की पार्टी कैसे बन गया है? मतदाता सूची इस तरह के फर्जीवाड़े से भरी हुई है।’’
सांसदों ने निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पोस्टरों के साथ-साथ ‘‘स्टॉप एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखे पोस्टर भी लिए हुए थे।
विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले ‘मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना’ है। वे दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
बिहार में एसआईआर को लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है।
सोमवार को, राहुल गांधी, खरगे और शरद पवार सहित विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची में संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोका और कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया था।
#WATCH | Delhi: INDIA bloc leaders continue to protest over the alleged voter fraud and SIR issues. MPs were seen wearing T-shirts featuring the name Minta Devi, a voter allegedly listed as 124 years old in the Election Commission’s voter list. pic.twitter.com/LVhS3I5CZJ
— ANI (@ANI) August 12, 2025