प्रदेश के 278 जिला शिक्षा अधिकारियों को पदस्थापन का इंतजार

बीकानेर. सरकार ने जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों के पदों को भरने के लिए समय पर पदोन्नति का तोहफा तो दे दिया था। लेकिन अभी तक उन्हें पदस्थापन नहीं दिया गया है। ऐसे में प्रदेश में 278 जिला शिक्षा अधिकारी अभी तक स्कूलों में ही कार्यरत है। जबकि राज्य में इस समय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की परीक्षाएं चल रही है। ऐसे में कई जिलों में कार्यवाहकों के भरोसे ही परीक्षाएं आयोजित कराई जा रही है।

सरकार ने एक माह पहले इस सोच के साथ प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी पद पर पदोन्नत किया गया था ताकि बाेर्ड परीक्षाएं सुचारू कराई जा सके लेकिन अभी तक पदस्थापन नहीं किया गया है। सरकार ने 11 फरवरी को डीपीसी कर 329 प्राचायोर्ं की डीपीसी कर जिला शिक्षा अधिकारी बनाया था। कई जिलों में पद रिक्त होने के साथ-साथ ब्लॉक कार्यालयों में भी पद रिक्त चल रहे हैं। इसमें से कई प्राचार्य तो सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

51 डीईओ हो गए सेवानिवृत्त

सरकार ने जिन 329 जिला शिक्षा अधिकारियों के पद पर पदोन्नति की थी। इसमें से 51 प्राचार्य तो सेवानिवृत्त ही हो गए हैं। ऐसे में अब विभाग के पास 278 डीईओ ही रह गए हैं, लेकिन उन्हें भी समय पर पदस्थापन नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने 11 फरवरी को डीपीसी कर 329 प्राचार्यों की पदोन्नति की थी। राज्य में जिला शिक्षा अधिकारी के 552 पद स्वीकृत है। पदों को भरने के लिए कई शिक्षक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किए थे। साथ ही शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा निदेशक को कई बार ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।

अब बाेर्ड परीक्षा के बाद संभव

इस समय प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की परीक्षाएं चल रही है। जबकि प्राचार्य ही परीक्षा केन्द्रों के अधीक्षक होते हैं। ऐसे में अगर परीक्षा के मध्य में पदोन्नत प्राचायोर्ं का पदस्थापन कर दिया जाता है तो कई परीक्षा केन्द्र खाली हो जाएंगे। इसलिए अब परीक्षाएं समाप्त होने के बाद ही जिला शिक्षा अधिकारियों का पदस्थापन होगा। बोर्ड परीक्षाएं अप्रेल के पहले सप्ताह में समाप्त होगी।

समय पर पदस्थापन करना आवश्यक

सरकार को समय पर पदोन्नत प्राचार्य एवं व्याख्याताओं का पदस्थापन करना चाहिए। ताकि जिलों एवं ब्लॉक में काम सुचारू हाे सके। अभी तक शिक्षा विभाग में जितनी भी पदोन्नतियां हुई है। उन कार्मिकों को यथास्थापन पर ही कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों को तो वेतन-भत्तों में फायदा पहुंच रहा है, लेकिन विद्यार्थियों को नुकसान हो रहा है। इसलिए पदोन्नति होने के दो दिनों में ही पदस्धापन किया जाना चाहिए।

संजय पुरोहित, प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत

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