बीकानेर राजघराने से जुड़े ट्रस्टों को लेकर देवस्थान विभाग, उदयपुर का फैसला आने के बाद बुधवार को राज्यश्री कुमारी पत्रकारों से रूबरू हुईं। उन्हाेंने कहा कि 27 मई 2024 को सहायक आयुक्त देवस्थान, बीकानेर ने राजपरिवार के ट्रस्टों से उनके समेत मुधलिका कुमारी, ठाकुर हनुवंत सिंह एवं अन्य ट्रस्टीगणों को हटाकर उनकी जगह नए ट्रस्टी नियुक्त करने के आदेश जारी किए थे, जो विधि विरुद्ध थे। इस संदर्भ में ट्रस्टी हनुवंत सिंह ने आयुक्त देवस्थान विभाग उदयपुर के समक्ष अपील दायर की। आयुक्त ने विधि सम्मत सुनवाई करने के बाद 30 दिसंबर 24 को अपने फैसले में सहायक आयुक्त देवस्थान बीकानेर के आदेश को निरस्त कर दिया। इस तरह पूर्व ट्रस्टी प्रभावशील हो गए।
उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग के आयुक्त ने अपने निर्णय में साफ कहा है कि अधीनस्थ कार्यालय ने तथ्यों को नजरअंदाज कर आदेश कर दिए, जो विधि विरुद्ध हैं। राज्यश्री ने आयुक्त देवस्थान उदयपुर के फैसले का स्वागत करते हुए दावा किया कि हम ही ट्रस्टी हैं और हम ही ट्रस्टी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। राजघराने के तमाम ट्रस्ट समाज सेवा को समर्पित हैं। हम ट्रस्टों के जरिए समाज सेवा का सिलसिला जारी रखेंगे। प्रेस कांफ्रेस में ट्रस्टी हनुवंत सिंह समेत राज्यश्री कुमारी पक्ष के अधिवक्ता कमलनारायण पुरोहित एवं मधुलिका कुमारी के अधिवक्ता सुरेन्द्र पुरोहित एवं ट्रस्ट से जुड़े गोविंद सिंह भी मौजूद थे।
सिद्धी मेरी लाडली…वह मिसगाइड हो रही
राजघराने की संपत्तियों और ट्रस्टों से जुड़े मामलों को लेकर विधायक सिद्धी कुमारी की भूमिका के संबंध में सवाल पूछने पर राज्यश्री कुमारी ने कहा कि सिद्धी कुमारी मेरी लाडली भजीती है। बचपन में मैंने उसे अपनी गोद में खिलाया है। मगर फिलहाल वह मिसगाइड हो रही है। जहां तक पुलिस के रुख की बात है, तो हमने आईजी और एसपी को शिकायत दे रखी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आकर पद का दुरुपयोग करना गलत है। इस मामले में लग रहा है कि पद का दुरुपयोग किया जा रहा है।
नहीं उठा फोन
पूरे प्रकरण में देवस्थान आयुक्त, उदयपुर के ताजा फैसले और उस पर राज्यश्री कुमारी की प्रेसवार्ता में कही गई बातों को लेकर विधायक सिद्धी कुमारी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नो रिप्लाई आया।
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