केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने वर्कला शिवगिरी तीर्थयात्रा कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की आलोचना की है। सतीसन इस बात पर जोर देते हैं कि सनातन धर्म किसी एक समूह के दावे से परे, भारत की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। यह असहमति केरल में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर कांग्रेस और सीपीएम के बीच अंतर्निहित तनाव को उजागर करती है।
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तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री द्वारा बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में पिनाराई विजयना ने कहा कि वह अपना बयान नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा मैंने कल जो कहा था, मैं उस पर कायम हूं। वे श्री नारायण गुरु को सनातन धर्म के प्रवक्ता के रूप में चित्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह सही नहीं है। उन्होंने भाजपा के उन आरोपों का भी जवाब दिया कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। अगर यह वोट-बैंक की राजनीति है, तो क्या मुझे कुछ और नहीं कहना चाहिए? मैंने जो कहा वह यह था कि श्री नारायण गुरु को संतान धर्म का प्रवक्ता बनाने का प्रयास न करें।
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केरल के मुख्यमंत्री को तिरुवनंतपुरम जिले के वर्कला शहर में शिवगिरी तीर्थयात्रा के संबंध में एक कार्यक्रम में दिए गए अपने बयानों के लिए भाजपा नेताओं की भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। विजयन ने यह भी कहा कि (श्री नारायण) गुरु सनातन धर्म के प्रवक्ता या अभ्यासकर्ता नहीं थे। बल्कि, वह एक भिक्षु था जिसने उस धर्म को तोड़ा और नए युग के लिए नए युग के ‘धर्म’ की घोषणा की।
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