Tax Filing: पेनल्टी से बचने के लिए आखिरी महीना… मार्च में करें टैक्स से जुड़े ये काम, वरना लगेगा जुर्माना

Tax Filing: पेनल्टी से बचने के लिए आखिरी महीना… मार्च में करें टैक्स से जुड़े ये काम, वरना लगेगा जुर्माना

Tax Filing Deadline: वित्त वर्ष 2024-25 खत्म होने में 20 दिन ही बचे हैं। मार्च खत्म होते ही टैक्स (Tax) से जुड़ी कई अहम समय-सीमाएं भी पूरी हो जाएंगी, जिनमें टीडीएस भुगतान (TDS), अपडेटेड आइटीआर फाइलिंग (ITR Filing) और अन्य टैक्स दायित्व शामिल हैं। ऐसे में किसी भी तकनीकी गड़बड़ी या पेनल्टी से बचने के लिए समय पर सभी टैक्स संबंधित कार्य पूरा करना जरूरी है।

टैक्स से जुड़ी अहम डेडलाइंस

15 मार्च: एडवांस टैक्स

  • असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए एडवांस टैक्स की चौथी और आखिरी किस्त भरने की अंतिम तारीख 15 मार्च है।
  • जो टैक्सपेयर्स प्रेजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत आते हैं, उन्हें पूरे साल का एडवांस टैक्स 15 मार्च तक भरना होगा।

17 मार्च: टीडीएस सर्टिफिकेट

  • सेक्शन 194-1ए, 194-बी और 194एस के तहत जनवरी 2025 में काटे गए टीडीएस का सर्टिफिकेट जारी करने की आखिरी तारीख 17 मार्च है।

30 मार्च: चालान-कम-स्टेटमेंट

फरवरी 2025 के लिए सेक्शन 194-1ए, 194-बी, 194एम और 194एस तहत काटे गए टैक्स की रिपोर्टिंग चालान-कम-स्टेटमेंट के जरिए करनी होगी। इसकी अंतिम तारीख 30 मार्च है।

31 मार्च: फॉर्म 67 और अपडेटेड आइटीआर

  • फॉर्म 3सीईएडी: मल्टीनेशनल कंपनियों को वर्ष 2023-24 के लिए कंट्री-बाय-कंट्री रिपोर्ट फाइल करनी होगी। यह रिपोर्ट पैरेंट एंटिटी या भारत में किसी अल्टरनेटिव रिपोर्टिंग एंटिटी द्वारा सबमिट की जा सकती है।
  • फॉर्म 67: अगर किसी टैक्सपेयर ने 2022-23 के लिए फॉरेन टैक्स क्रेडिट का दावा किया है, तो उन्हें फॉर्म 67 को 31 मार्च तक भरना होगा। यह उन लोगों के लिए जरूरी है, जिन्होंने सेक्शन 139(1) या 139(4) के तहत समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया था।
  • अपडेटेड ITR : असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख भी 31 मार्च है।

टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है कि वे महत्वपूर्ण टैक्स डेडलाइंस पर नज़र रखें, जिससे सभी दायित्वों को सही समय पर पूरा किया जा सके और अंतिम समय की परेशानी से बचा जा सके। मार्च में कई अहम टैक्स डेडलाइंस हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।

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इनकम टैक्स से बचने के उपाय

इनकम टैक्स से बचने के लिए भारत में कानूनी रूप से कई उपाय उपलब्ध हैं, जो टैक्स बचत के साथ-साथ वित्तीय सुरक्षा और निवेश के अवसर भी प्रदान करते हैं। हम आपको कुछ प्रमुख और वैध तरीके बताते हैं, जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत मान्य हैं।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): सुरक्षित और लंबी अवधि का निवेश, ब्याज और निकासी पर टैक्स छूट।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): सुरक्षित निवेश, ब्याज पर टैक्स छूट।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS): म्यूचुअल फंड में निवेश, 3 साल का लॉक-इन पीरियड, अच्छे रिटर्न की संभावना।

जीवन बीमा प्रीमियम: खुद, पति/पत्नी, या बच्चों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): बेटियों के लिए निवेश, टैक्स-मुक्त ब्याज और निकासी।

होम लोन का मूलधन भुगतान: होम लोन के मूलधन की अदायगी पर कटौती।

स्कूल/कॉलेज की ट्यूशन फीस: बच्चों की ट्यूशन फीस (अधिकतम 2 बच्चों के लिए)।

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