Rising Cancer Cases in india : ‘द लैंसेट’ की हालिया रिपोर्ट ने एक भयानक चेतावनी दी है, आने वाले वर्षों में कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि होने की संभावना है। यह चौंकाने वाली भविष्यवाणी डॉक्टरों को भी चिंतित कर रही है, जो इस खतरनाक प्रवृत्ति को अपनी आंखों से देख रहे हैं। कोटा मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं फिजिशियन डॉ. पंकज जैन के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण हमारी आधुनिक जीवनशैली है।
तनाव और मोटापा: घातक संयोजन
डॉ. पंकज जैन ने बताया हमारी व्यस्त जीवनशैली ने हमारे स्वास्थ्य को हाशिए पर धकेल दिया है। हम अपने शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं, और तनाव हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह तनाव, मोटापे के साथ मिलकर, कैंसर के विकास के लिए एक आदर्श वातावरण बनाता है। कैंसर के मामले दोगुने हो सकते हैं, खासकर मेट्रो शहरों में, जहाँ जीवन की गति सबसे तेज है।
Cancer cases increasing in India : मुंह और स्तन कैंसर का प्रकोप
भारत में, मुंह और स्तन कैंसर सबसे आम हैं। तंबाकू का सेवन, धूम्रपान और खराब मौखिक स्वच्छता मुंह के कैंसर (Cancer) के प्रमुख कारण हैं। महिलाओं में, स्तन कैंसर एक बढ़ता हुआ खतरा है। इसके अतिरिक्त, सर्वाइकल और फेफड़ों के कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ सकते हैं।
महिलाओं के लिए विशेष खतरा: धूम्रपान और मोटापा
‘द लैंसेट’ की रिपोर्ट में महिलाओं में कैंसर (Cancer) के बढ़ते मामलों पर भी प्रकाश डाला गया है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में धूम्रपान और मोटापे की बढ़ती प्रवृत्ति है। महिलाओं को तुरंत धूम्रपान छोड़ना चाहिए और अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहिए।
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नियमित स्वास्थ्य जांच: बचाव का मार्ग
डॉ. पंकज जैन का सुझाव है कि 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी और 35 वर्ष के बाद पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा, जो लोग 20 वर्षों से अधिक समय से धूम्रपान कर रहे हैं, उन्हें लो डोज एचआरसीटी कराना चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच से कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाया जा सकता है, जिससे उपचार अधिक प्रभावी होता है।
रोकथाम: सबसे अच्छा बचाव
डॉक्टरों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को मैमोग्राफी करवानी चाहिए।
35 वर्ष की आयु के बाद पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए।
20 वर्षों से अधिक समय से धूम्रपान करने वालों को लो-डोज एचआरसीटी करवाना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण बात, हमें अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए, धूम्रपान से बचना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
व्यक्तिगत जागरूकता: एक महत्वपूर्ण कदम
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत जागरूकता महत्वपूर्ण है। शराब और धूम्रपान, साथ ही मोटापा, कैंसर के प्रमुख कारण हैं। ये ऐसे कारक हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, हम निश्चित रूप से कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।