म्यान्मार से 549 भारतीयों को छुड़ाया, हुई वतन वापसी, किस तरह के अपराध गिरोहों के चंगुल में फंसे थे ये सारे

म्यान्मार से 549 भारतीयों को छुड़ाया, हुई वतन वापसी, किस तरह के अपराध गिरोहों के चंगुल में फंसे थे ये सारे

Myanmar Online Scams: भारत सरकार ने म्यान्मार-थाईलैंड सीमा के पास चल रहे ऑनलाइन स्कैम सेंटरों ( Online Scam Centers ) पर डिजिटल अरेस्ट गैंग के अड्‌डों में कैद 549 भारतीयों को आजाद करवाया। उन्हें बचाव अभियान (Rescue Operation)के तहत वायुसेना के सी-17 विमान से भारत लाया गया। भारतीय वायुसेना ने म्यान्मार की सीमा से सटे थाई शहर-मे सोट- से इन भारतीयों को निकाला । इन लोगों को मानव तस्करी ( Human Trafficking) कर म्यान्मार ले जाया गया था। पहले सोमवार थाईलैंड के रास्ते भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से 283 नागरिकों को वापस लाया गया। शेष 266 भारतीय 11 मार्च को अपने देश में पहुंचे। जानकारी के अनुसार, भारतीय अधिकारी सात बसें लेकर म्यान्मार (Myanmar) गए थे। भारतीय नागरिकों को इनमें बैठा कर सीमा पार कर के थाईलैंड लाया गया।

म्यान्मार-थाईलैंड सीमा पर हालात

ध्यान रहे कि बीते कुछ हफ्तों में इन ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से कम से कम 24 देशों के लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है । सैन्य शासन वाले म्यान्मार के इस हिस्से में कानून-व्यवस्था ढेर हो चुकी है। रिहा कराए गए लोगों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं। विदेशी दबाव के बाद म्यान्मार प्रशासन ने अरबों डॉलर के इस अवैध आपराधिक ‘उद्योग’ पर कार्रवाई की है। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एंड क्राइम्स ऑफिस का अनुमान है कि सिर्फ एशिया में ही साल 2023 में ऐसे ‘स्कैमों’ की वजह से लगभग 18 अरब डॉलर से लेकर 37 अरब डॉलर तक का संभावित नुकसान हुआ है।

इन सेंटरों में हजारों कर्मचारी काम करते हैं

जानकारी के अनुसार इन सेंटरों में हजारों कर्मचारी काम करते हैं जो निवेश की ऑनलाइन नकली योजनाओं या रोमांस स्कैमों के जरिए लोगों को ठगते हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि म्यान्मार के इन स्कैम सेंटरों में लगभग 1,20,000 लोग ऐसे हो सकते हैं जो अपनी इच्छा के खिलाफ वहां काम करने के लिए मजबूर हैं। दुनिया भर से आए इन लोगों का कहना है कि उन्हें अच्छी तनख्वाह का लालच देकर धोखे से यहां नौकरी दिलवाई गई।

काम करने से इनकार करते थे तो उनसे बहुत मारपीट की जाती थी

कई रिपोर्टों में इन लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार की जानकारी सामने आई है। इन सेंटरों से भागकर बचे या रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि अगर वे काम करने से इनकार करते थे तो उनसे बहुत मारपीट की जाती थी। पिछले महीने से शुरू हुई म्यान्मार, थाईलैंड और चीनी प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के बाद से अब तक चीन के 2,000 से ज्यादा नागरिक बचाए गए हैं। चीन इन लोगों को संभावित अपराधी मानकर जांच कर रहा है।

जिस देश के हैं, उस देश की उड़ान हो

प्रशासन की कार्रवाई शुरू होने के एक महीने बाद भी इन लोगों को म्यान्मार में भीड़भाड़ वाले गंदे कैम्पों तथा पुराने स्कैम सेंटरों रखा गया है. कई जगह पर वे हथियारबंद गुटों की निगरानी में हैं।थाईलैंड सरकार रिहा किए गए लोगों को म्यांमार से अपने देश आने की इजाजत तब तक नहीं दे रही, जब तक इनके अपने देश इन्हें वापस ले जाने वाली फ्लाइटों का इंतजाम नहीं कर लेते।

भारत के दूतावास से संपर्क कर जानकारी जरूर लें

विदेश मंत्रालय ने म्यान्मार-थाईलैंड सीमा से वापस वतन लाए गए भारतीयों पर बयान जारी किया है। प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि सरकार, म्यान्मार समेत कई दक्षिण-एशियाई देशों में नकली जॉब ऑफर के झांसे में आकर, फंस चुके भारतीयों की वतन वापसी के लिए कोशिशें कर रही है। सरकार ने नागरिकों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि नौकरी का ऑफर मिलने पर वे विदेशी नियोक्ताओं के बारे में उस देश में मौजूद भारत के दूतावास से संपर्क कर जानकारी जरूर लें।

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