सीकर। होली पर शेखावाटी के लिए अच्छी खबर आई है। यमुना नहर प्रोजेक्ट की डीपीआर के लिए हरियाणा सरकार ने टास्क फोर्स का गठन कर लिया है। टीम चार महीने में प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में संशोधित बजट घोषणाओं के दौरान ये जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि शेखावाटी को यमुना का पानी देने के लिए हरियाणा सरकार ने पांच मार्च को टास्क फोर्स का गठन कर लिया है। चार महीने में प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार होने के बाद उस पर काम शुरू हो जाएगा।
एक साल से अधर में था प्रोजेक्ट
यमुना जल प्रोजेक्ट हरियाणा में 12 महीने से टास्क फोर्स के गठन में उलझा हुआ था। पिछले साल 17 फरवरी को नई दिल्ली में तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच समझौता हुआ था। इसमें चार महीने में प्रोजेक्ट की नई डीपीआर तैयार किया जाना तय हुआ था।
इसके बाद राजस्थान सरकार ने 14 मार्च को डीपीआर तैयार कर हरियाणा सरकार को भेज दी। पर लोकसभा और बाद में विधानसभा चुनाव के माहौल में हरियाणा सरकार ने उसके लिए टास्क फोर्स का गठन नहीं किया। मुख्यमंत्री के अनुसार हरियाणा सरकार ने अब टास्क फोर्स गठित कर यमुना के पानी की कवायद आगे बढ़ा दी है।
हरियाणा व राजस्थान के छह जिलों को पानी
यमुना नहर प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा व राजस्थान के छह जिलों को यमुना के बाढ़ का पानी मिलेगा। हरियाणा के भिवानी, चरखी-दादरी व हिसार से होते हुए ये पानी शेखावाटी के तीनों जिलों को मिलेगा। पानी भूमिगत पाइप लाइनों से पहुंचाया जाएगा।
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शेखावाटी को 123 दिन मिलेगा पानी
समझौते के तहत शेखावाटी के सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले को यमुना नदी की बाढ़ का 1917 क्यूसेक पानी मिलेगा। ये पानी बरसात के जुलाई से अक्टूबर महीनों में 123 दिन दिया जाएगा। इस पानी का भंडारण कर उसे अंचल में सालभर वितरित किया जाएगा।
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