45 फिट ऊंचा होलिका दहन देखने पहुंचे 80 हजार लोग:पूर्णिया में आतिशबाजी-पटाखों से गूंजा आसमान, सतयुग से चली आ रही परंपरा

45 फिट ऊंचा होलिका दहन देखने पहुंचे 80 हजार लोग:पूर्णिया में आतिशबाजी-पटाखों से गूंजा आसमान, सतयुग से चली आ रही परंपरा

पूर्णिया में गुरुवार शाम राजकीय समारोह के साथ होलिका दहन महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बनमनखी के सिकलीगढ धरहरा में सतयुग से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए 45 फिट ऊंचे बिहार के सबसे बड़े होलिका का दहन किया गया। होलिका के दहन होते ही भव्य आतिशबाजी की गई। आतिशबाजी और पटाखों से आसमान गूंज उठा। इस खास मौके का साक्षी बनने समारोह में 80 हजार से अधिक लोग पहुंचे। जिसमें जिले के अलावा पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग शामिल हुए। होलिका महोत्सव समारोह का आयोजन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से किया गया। समारोह का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार और बनमनखी से विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने किया। खास मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होलिका दहन समारोह के खास मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। शाम 7 बजे भोजपुरी स्टार रितेश पांडेय का धमाकेदार परफॉर्मेंस शुरू हुआ, जो नन स्टॉप रात तक चालू रहा। समारोह स्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर से ही गाड़ियों की एंट्री पर पाबंदी रही। किसी तरह की अव्यवस्था न फैले इसके लिए महिला और पुरुष के लिए अल -अलग बेरिकेटिंग बनाई गई थी। खास मौके को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस बल तैनात दिखाई दिए। भगवान नरसिंह ने यहीं पर किया था हिरण्यकश्यप का वध मान्यता है कि प्राचीन काल में इसी सिकलीगढ़ धरहरा में ही भगवान नरसिंह ने अवतार लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यप का वध किया था। यहीं पर भक्त प्रह्लाद के पिता राक्षस राज हिरण्यकश्यप के निर्देश पर उनकी बहन होलिका ने विष्णु भक्त प्रहलाद को जलाकर मारने का प्रयास किया लेकिन आग में होलिका जलकर राख हो गई थी। सतयुग में होलिका के इसी भस्म से धुरखेल होली खेली गई। सतयुग से लेकर अब तक यहां धुरखेल होली की ही परंपरा कायम है। पूर्णिया के लिए होलिका दहन ऐतिहासिक समारोह के मुख्य अतिथि प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार आयुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि ये उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि होलिका दहन महोत्सव में आने का सौभाग्य मिला। बनमनखी समेत पूरे पूर्णिया के लिए होलिका दहन का ये कार्यक्रम ऐतिहासिक है। इसे राजकीय समारोह का दर्जा दिलाने में विधायक की ओर से की गयी पहल की भी सराहना की। जबकि विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि दक्षिण भारत में भी बनमनखी के इतिहास और पुराणों में चर्चा है। श्रीहरि नरसिंह अवतार स्थल भक्त प्रह्लाद स्तंभ प्रह्लाद नगर सिकलीगढ़ धरहरा के विकास में आमजनों का भी बहुत सहयोग मिला। पूर्णिया में गुरुवार शाम राजकीय समारोह के साथ होलिका दहन महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बनमनखी के सिकलीगढ धरहरा में सतयुग से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए 45 फिट ऊंचे बिहार के सबसे बड़े होलिका का दहन किया गया। होलिका के दहन होते ही भव्य आतिशबाजी की गई। आतिशबाजी और पटाखों से आसमान गूंज उठा। इस खास मौके का साक्षी बनने समारोह में 80 हजार से अधिक लोग पहुंचे। जिसमें जिले के अलावा पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग शामिल हुए। होलिका महोत्सव समारोह का आयोजन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से किया गया। समारोह का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार और बनमनखी से विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने किया। खास मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होलिका दहन समारोह के खास मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। शाम 7 बजे भोजपुरी स्टार रितेश पांडेय का धमाकेदार परफॉर्मेंस शुरू हुआ, जो नन स्टॉप रात तक चालू रहा। समारोह स्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर से ही गाड़ियों की एंट्री पर पाबंदी रही। किसी तरह की अव्यवस्था न फैले इसके लिए महिला और पुरुष के लिए अल -अलग बेरिकेटिंग बनाई गई थी। खास मौके को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस बल तैनात दिखाई दिए। भगवान नरसिंह ने यहीं पर किया था हिरण्यकश्यप का वध मान्यता है कि प्राचीन काल में इसी सिकलीगढ़ धरहरा में ही भगवान नरसिंह ने अवतार लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यप का वध किया था। यहीं पर भक्त प्रह्लाद के पिता राक्षस राज हिरण्यकश्यप के निर्देश पर उनकी बहन होलिका ने विष्णु भक्त प्रहलाद को जलाकर मारने का प्रयास किया लेकिन आग में होलिका जलकर राख हो गई थी। सतयुग में होलिका के इसी भस्म से धुरखेल होली खेली गई। सतयुग से लेकर अब तक यहां धुरखेल होली की ही परंपरा कायम है। पूर्णिया के लिए होलिका दहन ऐतिहासिक समारोह के मुख्य अतिथि प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार आयुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि ये उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि होलिका दहन महोत्सव में आने का सौभाग्य मिला। बनमनखी समेत पूरे पूर्णिया के लिए होलिका दहन का ये कार्यक्रम ऐतिहासिक है। इसे राजकीय समारोह का दर्जा दिलाने में विधायक की ओर से की गयी पहल की भी सराहना की। जबकि विधायक कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि दक्षिण भारत में भी बनमनखी के इतिहास और पुराणों में चर्चा है। श्रीहरि नरसिंह अवतार स्थल भक्त प्रह्लाद स्तंभ प्रह्लाद नगर सिकलीगढ़ धरहरा के विकास में आमजनों का भी बहुत सहयोग मिला।  

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