महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इस हिंसा के दौरान एक आरोपी ने ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ की और अश्लील हरकतें कीं। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, एफआईआर के अनुसार, आरोपी ने आरसीपी दस्ते की महिला अधिकारी की वर्दी और शरीर को छुआ, अश्लील इशारे किए और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस अब तक 51 दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है। दंगाइयों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कुल 57 धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके
एफआईआर में यह भी बताया गया है कि नागपुर हिंसा के दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम फेंके और पत्थर बरसाए। इस मामले में पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर के मुताबिक, शहर के भालदारपुरा चौक पर भीड़ ने इकट्ठा होकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया।
महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़
इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर दंगाइयों ने दंगा नियंत्रण पुलिस (RCP) की महिला कांस्टेबल के कपड़े खींचने की कोशिश की और उसके साथ अश्लील व्यवहार किया। एफआईआर के अनुसार, उपद्रवियों ने अन्य महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी आपत्तिजनक इशारे किए और अपशब्द कहे। इस दौरान कुछ पर हमला भी किया गया।
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पुलिस ने 57 धाराएं लगाईं
अधिकारियों के मुताबिक, इस हिंसा में फैली गलत जानकारी ने बड़ी भूमिका निभाई। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर में 650 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है और उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 57 धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के 51 कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
पुलिस की कई टीमें इस मामले की गहन जांच कर रही है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए है। हालांकि 17 मार्च को भड़की हिंसा के बाद नागपुर में अब शांति है, लेकिन पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है। 10 थाना क्षेत्रों में दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है।
VHP और बजरंग दल के खिलाफ केस दर्ज
वहीँ, गणेशपेठ थाने में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के पदाधिकारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। औरंगजेब की कब्र को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद सोमवार को मध्य नागपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़की थी। हालांकि, वीएचपी और बजरंग दल ने नागपुर हिंसा को पूर्व नियोजित बताया है। उन्होंने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया है कि उनके विरोध प्रदर्शन में धार्मिक चिंह वाले चादर जलाए गए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर हिंसा पर विधानसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई। सोमवार दोपहर में अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया, उस पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और नागपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी। इस उपद्रव में 34 पुलिसकर्मी और पांच अन्य लोग घायल हुए, दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। हथियारों से लैस उपद्रवियों ने घरों पर भी पथराव किया।
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