कतर में इजरायल हमास के बीच युद्धविराम के लिए चर्चा शुरू, अमेरिका ने नेतन्याहू से कहा- हर हाल में हो समझौता  

कतर में इजरायल हमास के बीच युद्धविराम के लिए चर्चा शुरू, अमेरिका ने नेतन्याहू से कहा- हर हाल में हो समझौता  

Israel Hamas War: पश्चिम एशिया में अब शांति की आस लगाई जा रही है क्योंकि एक साल से जारी इजरायल और हमास के बीच युद्ध को खत्म करने के लिए कतर (Qatar) में शांति वार्ता हो रही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए इजरायल, हमास और मोसाद (इजरायल की खुफिया एजेंसी) के शीर्ष अधिकारी और नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पहुंच चुका है। इधर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात तक इस वार्ता में बंधकों को छुड़ाने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है। यानी अमेरिका (USA) से भी अब संकेत मिल चुके हैं कि कतर में हो रही इस वार्ता में अब बंधक रिहाई समेत कई मुद्दों पर समझौता करने के लिए सभी पक्षों को प्रतिबद्ध होना होगा। 

3 मुद्दों पर अभी भी फंसा है पेंच

बंधकों और युद्ध विराम संबंधी वार्ता में प्रगति के साफ संकेत मिलने के बाद, मोसाद (Mossad) के निदेशक डेविड बार्निया सहित एक उच्चस्तरीय इजरायली प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुंच गया है। गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौते को आगे बढ़ाने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के निर्देश पर ये दल दोहा पहुंचा है। हालांकि दोनों पक्षों के बीच 3 मुद्दों पर अब भी तनाव बना हुआ है। ये मुद्दे हैं फिलाडेल्फिया गलियारा और मिस्र-गाजा सीमा पर भूमि की एक संकरी पट्टी। गाजा में इजरायली रक्षा बलों की मौजूदगी और युद्ध के खत्म से संबंधित बातें।

फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर भी मांग

इजरायल लंबे समय से मांग कर रहा है कि उसके सैनिक फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर बने रहेंगे, जबकि हमास का कहना है कि वे वापस चले जाएं। इस संकरे लेकिन रणनीतिक रूप से भूमि के अहम टुकड़े पर असहमति पिछले साल अगस्त में भी पिछली वार्ता के विफल होने का एक प्रमुख कारण थी।

ट्रंप के दूत से मिले नेतन्याहू

इसके पूर्व, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की। दोनों पर 20 जनवरी तक समझौते पर पहुंचने के लिए वर्तमान और आने वाले अमरीकी प्रशासन दोनों की ओर से दबाव है।

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