शेफाली वर्मा ने दिखाया बड़ा दिल, पिता को आया था हार्ट अटैक, इसलिए छिपाई टीम इंडिया से बाहर होने की खबर

शेफाली वर्मा ने दिखाया बड़ा दिल, पिता को आया था हार्ट अटैक, इसलिए छिपाई टीम इंडिया से बाहर होने की खबर

आयरलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर हुईं शेफाली वर्मा बड़ा खुलासा किया है। उन्‍होंने बताया कि जब उन्‍हें नेशनल टीम से बाहर किया गया तो उन्‍होंने ये बात अपने पिता से छिपाकर रखी, क्‍योंकि उन्‍हें दो दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था और वह अस्‍पताल में भर्ती थे। 

भारतीय स्टार महिला बल्लेबाज शेफाली वर्मा इन दिनों सीनियर महिला वन डे चैलेंजर ट्रॉफी में भारत ए के लिए खेल रही हैं। आयरलैंड के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज में उन्‍हें नहीं चुना गया था। ऐसे में अब वह टीम में वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। इसी बीच उन्‍होंने खुलासा किया कि टीम इंडिया से बाहर होने की खबर उन्‍होंने अपने सबसे विश्‍वासपात्र पिता से एक हफ्ते तक छिपाकर रखी, क्‍योंकि पिता को दो दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था और वह अस्‍पताल में भर्ती थे और परिवार के सभी लोग उनकी तीमारदारी में लगे थे। जब एक सप्‍ताह बाद उन्‍होंने इस खबर के बारे में बताया तो यही बात उन्हें सबसे ज़्यादा डराने वाली थी। उनके पिता ने आराम न करने का फैसला करते हुए तुरंत शेफाली को कोचिंग देना शुरू कर दिया।

शैफाली ने एक सप्ताह बाद बताया

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शेफाली वर्मा ने बताया कि टीम इंडिया से बाहर होने के गम से उबरना आसान नहीं है। मैं यह नहीं बताना चाहती थी, क्योंकि टीम से बाहर होने से करीब दो दिन पहले ही मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा था। मैंने उनसे यह खबर तब तक छिपाई जब तक कि वे ठीक नहीं हो गए। वे अस्पताल में थे। मैंने उन्हें एक सप्ताह बाद बताया।

सबसे पहले कोच हैं पिता

बता दें कि शेफाली के सबसे पहले कोच उनके पिता संजीव वर्मा हैं, जिन्‍होंने अपनी बेटी के लिए सर्वश्रेष्ठ करने का फैसला किया। उन्होंने एक संरक्षक की भूमिका निभाई और उसे वर्कआउट और अभ्यास के माध्यम से मदद की और उसकी प्रतिभा को निखारा। 20 वर्षीय शेफाली का लक्ष्‍य अब भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करना है।

यह भी पढ़ें : गौतम गंभीर ने खत्म किया सरफराज खान का करियर! सोशल मीडिया पर मचा घमासान

‘पिता सबकुछ जानते हैं’

शेफाली ने कहा कि पिता सब कुछ जानते हैं, कभी-कभी बच्चे होने के नाते हम भी अपनी ताकत भूल जाते हैं, लेकिन वे नहीं भूलते। उन्होंने मुझे बचपन के वर्कआउट और अभ्यास की याद दिलाई और मेरी मदद की। उन्‍होंने अपनी खेल शैली पर कहा कि मैं ऑन-ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव खेलती हूं और इसी पर मैंने काम किया। ये मेरी ताकत है और कभी-कभी आपको यह याद रखने के लिए उन पर काम करने की ज़रूरत होती है कि आप उनमें कितने अच्छे हैं। पिता के प्रशिक्षण ने अद्भुत काम किया। 

– Patrika | CMS

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *