दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में चीन (China) का नाम दूसरा नंबर पर आता है। अमेरिका (United States Of America) के बाद चीन की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे बड़ी है। पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद चीन एक बड़ी समस्या से जूझ रहा है। पिछले दो साल में चीन की अर्थव्यवस्था पर मार पड़ी है। अर्थव्यवस्था पर पड़ी इस मार का असर देश में रोजगार पर भी पड़ा है। इस वजह से देश में बेरोजगारी (Unemployment) बढ़ी है। यूँ तो चीन दावा करता है कि देश में बेरोजगारी की समस्या नहीं है, लेकिन यह सही नहीं है। बेरोजगारी की मार से चीन अछूता नहीं है और देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा बेरोजगार है।
दिखावे का दबाव, फर्जी नौकरियाँ कर रहें चाइनीज़ लोग
बेरोजगारी के बढ़ते संकट के बीच चीन में ‘कार्यरत’ दिखने के लिए युवा पैसे खर्च कर रहे हैं। इसमें कंपनियाँ बेरोजगार लोगों को अपने परिवार और दोस्तों से अपनी बेरोजगारी छिपाने में मदद के लिए ‘काम करने का दिखावा’ वाली सेवाएं प्रदान करती हैं। लगभग 30 युआन (करीब 354 रुपये) के दैनिक शुल्क पर ये कंपनियाँ लोगों को ऑफिस की जगह, लंच और यहाँ तक कि कंप्यूटर और फोन के साथ नकली वर्कस्टेशन भी उपलब्ध करवाती हैं। कुछ कंपनियाँ तो नकली ‘बॉस’ पैकेज की पेशकश भी करती है, जहाँ लोग चमड़े की शानदार कुर्सी पर बैठकर अपनी तस्वीरें ले सकते हैं।
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युवा इसलिए अपना रहे यह रणनीति
दिखावे को बनाए रखने के दबाव ने कई व्यक्तियों को यह रणनीति अपनाने को मजबूर किया है। इन सेवाओं का इस्तेमाल करते हुए युवा बेरोजगारी के ठप्पे से खुद को बचाना चाहते हैं, जिससे उन पर सामजिक दबाव न बने।
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