डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ी परेशानी

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ी परेशानी

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर अमेरिका (United States Of America) का राष्ट्रपति बनते हुए व्हाइट हाउस में बाप्सी कर ली है। सोमवार को दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही ट्रंप ने अपने इरादे साफ कर दिए। ट्रंप के पहले कार्यकाल की तरह ही उनके दूसरे कार्यकाल में भी कड़े फैसले लिए जाएंगे। इस वजह से कुछ ऐसे भी हैं, जिनके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। पाकिस्तान (Pakistan) और बांग्लादेश (Bangladesh) ऐसे ही दो देश हैं, जो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से खुश नहीं हैं।

भारत को अहमियत से पाकिस्तान-बांग्लादेश होंगे साइडलाइन

ट्रंप के प्रशासन में कई ऐसे लोग हैं, जो भारतीय समर्थक हैं। ट्रंप ने बिना किसी वजह के इन लोगों को नहीं चुना। ट्रेड सेक्टर में भले ही अमेरिका की तरफ से किसी देश को अहमियत न दी जाए, लेकिन कई बड़े मामलों में अमेरिका की तरफ से भारत को अहमियत दी जाएगी। भारत से मज़बूत संबंधों को अमेरिका काफी अहमियत देता है। ऐसे में पाकिस्तान और बांग्लादेश का साइडलाइन होना भी संभव है।

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अमेरिकी विदेश नीति में पाकिस्तान-बांग्लादेश नहीं हैं फिट

ट्रंप की सरकार में अमेरिकी विदेश नीति में ऐसे देशों से संबंध मज़बूत किए जाएंगे जिनसे अमेरिका को फायदा हो। ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ की मानसिकता है। ऐसे में अमेरिका को जिन देशों से फायदा नहीं होगा, उन्हें अमेरिका की तरफ से अहमियत नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान और बांग्लादेश दो ऐसे देश हैं जिनसे अमेरिका को कोई फायदा नहीं है। ऐसे में दोनों ही अमेरिकी विदेश नीति में फिट नहीं बैठते।

ट्रंप नहीं हैं पाकिस्तान-बांग्लादेश के समर्थक

ट्रंप पाकिस्तान-बांग्लादेश के समर्थक नहीं हैं और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। ट्रंप खुले तौर पर इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ रहे हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश, दोनों ही कट्टर इस्लामिक देश हैं। ऐसे में ट्रंप की दोनों देशों पर कोई कृपा नहीं रहेगी। इसके अलावा, पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा भी माना जाता है जो ट्रंप को बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

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दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगी और मार

पाकिस्तान और बांग्लादेश, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था बेहद ही मुश्किल दौर से जूझ रही है। पाकिस्तान तो कर्ज़ के बोझ तले दबा हुआ है। बांग्लादेश में वर्तमान यूनुस सरकार और पाकिस्तान में वर्तमान शरीफ सरकार के भारत से अच्छे संबंध नहीं हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच ट्रेड तो पहले से ही बंद है, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की वजह से अब भारत ने बांग्लादेश के साथ व्यापारिक संबंधों को अहमियत देना कम कर दिया है। ऐसे में पहले ही भारत की नज़रअंदाज़ी से जूझ रहे पाकिस्तान और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर ट्रंप के आने से और मार पड़ेगी, क्योंकि अमेरिका की तरफ से दोनों ही देशों को कोई मदद नहीं मिलेगी।

हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के आलोचक हैं ट्रंप

बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाईयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की भी ट्रंप खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप ने जो बाइडन और कमला हैरिस पर अमेरिका और दुनियाभर में हिंदुओं को नज़रअंदाज़ करने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने अमेरिका में रह रहे हिंदुओं की रक्षा का वादा करने के साथ ही भारत और अपने अच्छे दोस्त पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से संबंधों को और मज़बूत करने की बात भी कही थी। बांग्लादेश में अभी भी हिंदू सुरक्षित नहीं हैं और न ही यूनुस सरकार ने इसके लिए कुछ किया है। वहीं पाकिस्तान में भी हिंदुओं पर अत्याचार के मामले अक्सर ही सामने आते हैं। ऐसे में दोनों ही देश ट्रंप की गुड बुक्स में नहीं हैं और उनके इस कार्यकाल में दोनों ही देशों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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