Gold Price: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल बाजार (Gold Price update) की स्थिरता को लेकर कोई ठोस अनुमान लगाना मुश्किल है। ऐसे समय में सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरा है। रिटर्न के मामले में सोना निवेश (Gold Price) के सबसे लोकप्रिय विकल्पों में शीर्ष पर बना हुआ है।
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दस साल में दोगुने से ज्यादा बढ़ा सोने का भाव (Gold Price)
पिछले दस वर्षों में सोने की कीमतों (Gold Price) में दोगुने से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2015 में 24 कैरेट सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 26,343 रुपये थी, जो अब 82,000 रुपये के पार पहुंच चुकी है। इससे पहले 2005 में 10 ग्राम सोने की कीमत मात्र 7,000 रुपये थी। उस दशक में सोने की कीमतें तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ी थीं।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी सोने की चमक
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले छह महीनों में सोना 85,000 रुपये (प्रति 10 ग्राम) का आंकड़ा पार कर सकता है। इसके लिए वैश्विक बाजार (Gold Price) में परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। चीन और अन्य देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं। वहीं, अमेरिका में आर्थिक अनिश्चितता और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी भी सोने की कीमतों (Gold Price) को मजबूती दे रही है।
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क्यों है सोना सबसे सुरक्षित निवेश?
मुद्रास्फीति से सुरक्षा (Inflation protection): सोना मुद्रास्फीति के समय में निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करता है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो सोने की कीमतें भी बढ़ती हैं।
लिक्विडिटी (Liquidity): सोने को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यह निवेशकों के लिए एक लिक्विड एसेट है।
डाइवर्सिफिकेशन (Diversification): शेयर बाजार की अस्थिरता के समय में सोना निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित रखने का काम करता है।
संकट के समय सहायक (Helper in times of crisis): राजनीतिक और आर्थिक संकट के समय में सोना सबसे सुरक्षित संपत्ति साबित होता है।
साल दर साल सोना कैसे महंगा होता गया, वह यहां देख सकते हैं।
Year | Price (24 karat per 10 grams) |
1964 | Rs.63.25 |
1965 | Rs.71.75 |
1966 | Rs.83.75 |
1967 | Rs.102.50 |
1968 | Rs.162.00 |
1969 | Rs.176.00 |
1970 | Rs.184.00 |
1971 | Rs.193.00 |
1972 | Rs.202.00 |
1973 | Rs.278.50 |
1974 | Rs.506.00 |
1975 | Rs.540.00 |
1976 | Rs.432.00 |
1977 | Rs.486.00 |
1978 | Rs.685.00 |
1979 | Rs.937.00 |
1980 | Rs.1,330.00 |
1981 | Rs.1670.00 |
1982 | Rs.1,645.00 |
1983 | Rs.1,800.00 |
1984 | Rs.1,970.00 |
1985 | Rs.2,130.00 |
1986 | Rs.2,140.00 |
1987 | Rs.2,570.00 |
1988 | Rs.3,130.00 |
1989 | Rs.3,140.00 |
1990 | Rs.3,200.00 |
1991 | Rs.3,466.00 |
1992 | Rs.4,334.00 |
1993 | Rs.4,140.00 |
1994 | Rs.4,598.00 |
1995 | Rs.4,680.00 |
1996 | Rs.5,160.00 |
1997 | Rs.4,725.00 |
1998 | Rs.4,045.00 |
1999 | Rs.4,234.00 |
2000 | Rs.4,400.00 |
2001 | Rs.4,300.00 |
2002 | Rs.4,990.00 |
2003 | Rs.5,600.00 |
2004 | Rs.5,850.00 |
2005 | Rs.7,000.00 |
2007 | Rs.10,800.00 |
2008 | Rs.12,500.00 |
2009 | Rs.14,500.00 |
2010 | Rs.18,500.00 |
2011 | Rs.26,400.00 |
2012 | Rs.31,050.00 |
2013 | Rs.29,600.00 |
2014 | Rs.28,006.50 |
2015 | Rs.26,343.50 |
2016 | Rs.28,623.50 |
2017 | Rs.29,667.50 |
2018 | Rs.31,438.00 |
2019 | Rs.35,220.00 |
2020 | Rs.48,651.00 |
2021 | Rs.48,720.00 |
2022 | Rs.52,670.00 |
2023 | Rs.65,330.00 |
2024 | Rs.77,913.00 |
2025 | crossed Rs.80,000.00 |
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ज्वेलरी या गोल्ड बिस्किट में से कौन सा निवेश बेहतर है?
गोल्ड बिस्किट निवेश के लिहाज से अधिक सुरक्षित है क्योंकि इसका मूल्य शुद्ध सोने के हिसाब से बढ़ता है, जबकि ज्वेलरी की कीमत ज्वेलर्स के मुनाफे और डिजाइन पर निर्भर करती है। गोल्ड बिस्किट का शुद्धता प्रतिशत अधिक होता है, जिससे इसका रिटर्न बेहतर होता है। वहीं, ज्वेलरी की कीमत उतनी स्थिर नहीं रहती, और उसे अधिक दाम पर बेचना मुश्किल हो सकता है।
डॉलर और रुपए का प्रभाव
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है, क्योंकि भारत में सोना आयात किया जाता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने का आयात महंगा हो जाता है, और इसके परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
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