अमेरिका में ब्याज दर पर निर्णय, बजट, कंपनियों के नतीजों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

 इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, आगामी आम बजट और तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों जैसी प्रमुख घटनाओं से तय होगी।

विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा वैश्विक कारक, विदेशी निवेशकों का रुख, रुपया-डॉलर विनिमय दर और कच्चे तेल से भी शेयर बाजार में कारोबार प्रभावित होगा।

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने कहा, अब सभी की निगाहें एक फरवरी को आने वाले आम बजट पर टिकी हैं, क्योंकि बाजार सकारात्मक रूप से धारणा बदलने के लिए किसी संकेत का इंतजार कर रहा है।

तीसरी तिमाही के नतीजे अभी तक फीके रहे हैं, खासकर उपभोग और वित्तीय क्षेत्रों में।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की नीति बैठक महत्वपूर्ण होगी।

इसके अलावा, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव पर नजर रखना महत्वपूर्ण रहेगा। मीना ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में उलटफेर के संकेत वैश्विक बाजारों में सकारात्मकता ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार के लिए, एफआईआई प्रवाह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

शेयर बाजार एक फरवरी, शनिवार को आम बजट पेश किए जाने के चलते कारोबार के लिए खुले रहेंगे। बीएसई और एनएसई ने पिछले महीने इस बारे में घोषणा की थी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि यह सप्ताह न केवल इक्विटी बाजारों के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाना है।

मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह टाटा स्टील, बजाज ऑटो, मारुति, टाटा मोटर्स, ओएनजीसी और इंडसइंड बैंक सहित कई कंपनियां अपने तिमाही नतीजे जारी करने वाली हैं।

उन्होंने कहा, वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिका में एफओएमसी बैठक और अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान जैसी प्रमुख घटनाएं भी बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, तीसरी तिमाही के नतीजों, अमेरिकी राष्ट्रपति की आर्थिक नीतियों और शनिवार को आने वाले आम बजट के बीच घरेलू शेयर बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव के साथ एक व्यापक दायरे में कारोबार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि बजट से पहले रेलवे, रक्षा, पूंजीगत सामान जैसे पीएसयू और पूंजीगत व्यय पर आधारित शेयर फोकस में रहेंगे।

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