US Deportation flights: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हर निर्वासन उड़ान (deportation flights) पर तकरीबन 70.72 लाख रुपये यानि 852,000 डॉलर खर्च किए हैं। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन के तहत बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए अमेरिकी सेना (military aircraft costs) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें डीएचएस उड़ानों (DHS operations) की तुलना में बहुत महंगा पड़ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों को सामूहिक रूप से निर्वासित करने के लिए रक्षा विभाग (DOD) संसाधनों का उपयोग कर के अपना आप्रवासन दमन तेज कर दिया है। इसमें अमेरिकी सैन्य विमान तैनात करना भी शामिल है। सैन्य उड़ानें होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHC)की चार्टर्ड उड़ानों की तुलना में बहुत अधिक महंगी हैं।
सी-17 विमान की लागत 1.74 लाख रुपये प्रति घंटा
डीओडी नियंत्रक के अनुसार सी-17 विमान की लागत लगभग 1.74 लाख रुपये (21,000 डॉलर) प्रति घंटा है। हाल ही में एल पासो, टेक्सास से ग्वाटेमाला सिटी तक 80 प्रवासियों को ले जाने वाली 12 घंटे की उड़ान की लागत संभवतः लगभग 2.09 करोड़ रुपये ($252,000) थी।
सी-130ई विमान की लागत लगभग 56.44 लाख रुपये प्रति घंटा
हालांकि सी-130ई विमान की प्रति घंटे की लागत लगभग 56.44 लाख रुपये ($68,000) और लगभग 58.93 लाख रुपये ($71,000) के बीच है, जिसके परिणामस्वरूप समान यात्रा के लिए तकरीबन 6.77 करोड़ रुपये ($816,000) से करीब लगभग (7.08 करोड़ रुपये $852,000) की अनुमानित लागत आती है। इसके विपरीत, डीएचएस के एक चार्टर्ड उड़ान की लागत समान यात्रा के लिए केवल लगभग 7.11 लाख रुपये ($8,577) है।
सेना अभियान में तेजी लाई है
ट्रंप की राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के बाद, सेना संबंधित लागतों पर थोड़ा विचार किए बिना अपने अभियान में तेजी लाई है। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने पुष्टि की है कि इन उड़ानों के खर्च की अभी तक पूरी तरह से गणना नहीं की गई है, क्योंकि तेजी से कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित है। विमान के साथ-साथ, रक्षा विभाग ने निर्वासन में सहायता के लिए सीमा पर तैनात सक्रिय-ड्यूटी कर्मियों सहित संसाधन भी आवंटित किए हैं।
आईसीई छापे से विवाद पैदा हो गया
इस बीच, एजेंटों की ओर से बिना वारंट पेश किए नेवार्क में अमेरिकी नागरिकों और एक सैन्य दिग्गज सहित कई लोगों को हिरासत में लेने के बाद आईसीई छापे से विवाद पैदा हो गया है। मेयर रास बराका ने इस ऑपरेशन की निंदा की है। उन्होंने इसे चौथे संशोधन अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
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