Arthritis Pain Tips: अर्थराइटिस का दर्द सामान्य से कई गुना ज्यादा होता है। पहले से समस्या बढ़े बुजुर्गों में देखी जाती थी। लेकिन अब आज के नौजवान भी इससे ग्रसित नजर आते हैं। अर्थराइटिसमें चलने-फिरने में परेशानी, जोड़ों को मोड़ने में भी काफी दर्द और परेशानी होती है। इस समस्या में दर्द के साथ सूजन की समस्या भी होने लगती है। ठंड के मौसम में ये दर्द और भी ज्यादा प्रभावी हो जाता है। लेकिन आप अब टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है कई घरेलू उपाय ऐसे है जो आपके इस दर्द को छुमंतर कर सकते हैं। जानिए क्या है वो घरेलू उपाय।
आर्थराइटिस के लिए घरेलू उपाय : Arthritis Pain Tips
यदि आप आर्थराइटिस के दर्द से राहत पाना चाहते हैं ये घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं। जैसे गर्म दूध में हल्दी मिलाकर दिन में 2 से 3 बार सेवन, दर्द वाली जगह पर रोजाना लाल तेल से मालिश, शरीर में जल की मात्रा बनाए रखें, रात के समय दर्द वाली जगह पर गर्म सिरके से मालिश, मेथी के दानों का पाउडर बनाकर हर सुबह पानी के साथ लेना, दूध में 3-4 लहसुन की कलियां डालकर अच्छे से उबालकर लेना, बथुए की सब्जी का सेवन, दर्द वाली जगह पर एलोवेरा के पत्तों को काट कर उसका जेल रोजाना लगाना ये आदि उपाय आपके आर्थराइटिस दर्द में राहत दे सकते हैं।
आर्थराइटिस में इन चीजों के सेवन से बचें
यदि आप अर्थराइटिस के दर्द से जूझ रहे हैं तो इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए। जैसे ठंडी चीज़ें, चाय-कॉफ़ी, टमाटर,शुगर कम करें, ऑयली खाने से बचें, वजन कंट्रोल रखें आदि सब बातों का आपको आर्थराइटिस में ध्यान रखना है।
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क्या है आर्थराइटिस के लक्षण
अर्थराइटिस के लक्षणों की पहचान में कुछ समय लग सकता है। प्रारंभ में दर्द हल्का होता है, लेकिन यह धीरे-धीरे बढ़ता है। अर्थराइटिस की सही पहचान के लिए लक्षणों की जानकारी होना आवश्यक है। यदि आपके घुटनों और जोड़ों में लगातार दर्द बना रहता है, तो यह अर्थराइटिस का संकेत हो सकता है। शरीर में जकड़न का अनुभव होना। त्वचा और बालों में सूखापन आना। जोड़ों में तीव्र दर्द का अनुभव होना। ये आदि लक्षण आर्थराइटिस के हो सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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