Indians in USA: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ताबड़तोड़ फैसलों के चलते सुर्खियों में बने हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने आव्रजन को लेकर सख्त रुख अपनाया हुआ है। अप्रवासन पर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump on Immigration) के कार्यकारी आदेशों ने ऐसी नीतियां पेश कर दी हैं और भारत-चीन जैसे दक्षिण एशियाई लोगों को प्रभावित कर रही हैं। इसमें बड़ी संख्या भारतीयों की है, क्योंकि दक्षिण एशिया से सबसे ज्यादा भारत के लोग अमेरिका में रहते हैं। भारतीयों में खास तौर पर जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship), H-1B Visa कार्यक्रम सुधार और अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर करने को लेकर चिंता छाई हुई है।
ट्रंप की एक्स्ट्रीम वेटिंग से पड़ सकता है ये प्रभाव
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के ‘एक्स्ट्रीम वेटिंग’ आदेश से वीज़ा स्क्रीनिंग और भी ज्यादा सख्त हो जाएगी। वैनगार्ड वीज़ा लॉ फ़र्म के संस्थापक और प्रबंध वकील समीर खेडेकर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एक्स्ट्रीम वेटिंग से वीज़ा बैकग्राउंड चेक, देरी और इनकार जैसे मामलों में बढ़ोतरी होने की संभावना दिखाई दे रही है। हालांकि ट्रंप ने H-1B Visa कार्यक्रम में सीधे तौर पर कोई बदलाव नहीं किया है, फिर भी इसमें कुछ जरूरत वाले सुधार किए गए हैं।
अभी भी अमेरिका में भारतीयों के लिए सुनहरा मौका
वहीं सिलिकॉन वैली के उद्यमी और क्रैक द वेलनेस कोड के संस्थापक नरेन बक्शी ने कहा कि अमेरिका अप्रवासियों के लिए अवसरों का क्षेत्र है। कुछ साल पहले तक भारत से अप्रवासियों के लिए अमेरिका आने के 95% रास्ते वैध थे। लेकिन इस दरमियान अमेरिका आने के अवैध रास्तों और उनके जरिए आए लोगों की संख्या बेतहाशा रूप से बढ़ी है। हालांकि भारत की केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत अपने अवैध प्रवासियों को वापस ले लेगा।
H-1B वीज़ा में डरने की कोई जरूरत नहीं, कोई खास बदलाव नहीं
इसके अलावा इंडियास्पोरा के कार्यकारी निदेशक संजीव जोशीपुरा ने कहा कि अवैध भारतीयों के निर्वासन से अमेरिका-भारत संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में H-1B Visa कार्यक्रम पर कोई खास असर पड़ता हुआ दिखाई नहीं देता। उन्होंने ट्रंप के साथ कम से कम 4-5 टेक CEO को देखा और वे सभी H-1B वीजा कार्यक्रम के बड़े लाभार्थी हैं। अब तो एलन मस्क भी इस वीज़ा के समर्थन में हैं।
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