खड़गे बोले- मोदी सरकार दिशाहीन और नीति विहीन है:व्यापार नीति भी खराब है, इसी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई

खड़गे बोले- मोदी सरकार दिशाहीन और नीति विहीन है:व्यापार नीति भी खराब है, इसी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर ‘विनाशकारी’ व्यापार नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। मेक इन इंडिया और पीएलआई योजनाएं फेल हो गई हैं, और व्यापार नीति भी खराब है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के चलते निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल रहा है। इसी पर पलटवार करते हुए खड़गे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। खड़गे ने कहा;- मोदी सरकार दिशाहीन और नीति विहीन है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। खड़गे बोले- 2025 में निवेशकों के 45 लाख करोड़ रुपए डूबे
खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘2025 में अब तक भारतीय शेयर बाजार में 45 लाख करोड़ रुपए डूब चुके हैं। निफ्टी 50 की कंपनियों को पिछले 5 सालों में सबसे कम मुनाफा हुआ है।’ खड़गे ने विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2024 से अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 1.56 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं, जिससे छोटे और मध्यम निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। खड़गे के 2 बड़े बयान… 1. मोदी सरकार का महंगाई-बेरोजगारी पर ध्यान नहीं
खड़गे ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ रही है। महंगाई से लोगों की बचत खत्म हो रही है। गांवों में मजदूरी नहीं बढ़ी। रुपया लगातार गिर रहा है और तेल-गैस की महंगी खरीद से भारत का खर्च बढ़ रहा है। इस पर मोदी सरकार ध्यान नहीं है। 2. डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा
कांग्रेस अध्यक्ष ने रुपए की गिरती कीमत को लेकर कहा कि रुपया अब 87 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ रहा है। बीते 5 साल में भारत का आयात 62% तक बढ़ गया है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है। खड़गे ने यह भी बताया कि यूपीए सरकार (2004-14) के 10 साल में निर्यात 549% बढ़ा था, जबकि मोदी सरकार (2014-24) में यह बढ़ोतरी सिर्फ 24.72% रही। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मोदी सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में 10 लाख करोड़ रुपए की छूट दी, जिससे कंपनियों को फायदा हुआ, लेकिन इससे नौकरियां नहीं बढ़ीं, बल्कि कम हो गईं।

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