एक्टिंग छोड़कर ऑटो-रिक्शा चलाना चाहते थे :KBC में कहा- फिल्में फ्लॉप होने से निराश था, लेकिन फिर जंजीर ने बदली किस्मत

एक्टिंग छोड़कर ऑटो-रिक्शा चलाना चाहते थे अमिताभ बच्चन:KBC में कहा- फिल्में फ्लॉप होने से निराश था, लेकिन फिर जंजीर ने बदली किस्मत

ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के एक एपिसोड में अपने फिल्मी करियर के शुरुआती दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि जब उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ था, तब उनकी लगातार फिल्में फ्लॉप हो रही थीं, जिससे वह काफी निराश हो गए थे और उन्होंने एक्टिंग छोड़कर ऑटो-रिक्शा चलाने का विचार किया था। लेकिन फिर सलिम-जावेद ने उन्हें जंजीर फिल्म का ऑफर दिया और उसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई। अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘मैंने दो-तीन फिल्मों में काम किया था, लेकिन वे नहीं चलीं, जिससे मैं निराश हो गया था। मुंबई आने से पहले मैंने कोलकाता में काम किया था, जहां मुझे महीने में सिर्फ 400-500 रुपये मिलते थे। लेकिन जब मैं मुंबई आया, तो मैंने ठान लिया कि मुझे किसी भी हालत में कामयाबी मिलनी चाहिए। मैंने सोचा अगर मुझे फिल्मों में काम नहीं मिला, तो मैं टैक्सी चलाऊंगा और इसके लिए मैंने ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवाया था।’ अमिताभ बच्चन ने आगे कहा, ‘उस समय राजेश खन्ना सबसे बड़े सुपरस्टार थे। उनकी इतनी बड़ी फैन फॉलोइंग थी कि जब वे आते थे, तो महिलाएं उनकी कार के पहियों की मिट्टी उठाकर अपने माथे पर लगाती थीं, जैसे यह आशीर्वाद हो। मैं तो कुछ नहीं था, लेकिन फिर सलिम-जावेद मुझसे मिले और मुझे यह कहानी सुनाई। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मुझे यह रोल मिलेगा, लेकिन मुझे मिल गया और इस तरह मुझे जंजीर मिली।’ 1973 में रिलीज हुई थी फिल्म जंजीर 11 मई 1973 को रिलीज हुई ‘जंजीर’ वह फिल्म थी, जिसने 4 साल के संघर्ष के बाद अमिताभ बच्चन को स्टारडम का स्वाद चखाया था। इससे पहले उन्होंने बतौर एक्टर 12 फिल्मों में काम किया। लेकिन सिर्फ दो ही (बतौर लीड एक्टर ‘बॉम्बे टू गोवा’ और सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर ‘आनंद’) हिट हुई थीं। हालांकि, जंजीर का संघर्ष भी अमिताभ के संघर्ष से कम नहीं था।

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *