Trump Inaugural: अमरीका को फिर से महान बनाने का वादा कर चुनाव जीते रिपब्लिकन पार्टी के डॉनल्ड जे ट्रंप ने सोमवार को 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। वह 2017 के बाद दूसरी बार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश के शीर्ष पद पर आसीन हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल रोटुंडा में उन्हें शपथ दिलाई। इससे पहले, उपराष्ट्रपति चुने गए जेडी वैंस ने भी पद की शपथ ली। आम तौर पर अमरीकी राष्ट्रपति कैपिटल की सीढ़ियों पर शपथ लेते हैं, लेकिन वहां पड़ रही कड़ाके की ठंड के मद्देनजर शपथ ग्रहण समारोह, प्रार्थना और भाषण का आयोजन इस बार रोटुंडा में किया गया।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कहा कि अमरीका का पतन समाप्त हो चुका है और स्वर्ण युग की शुरुआत हो चुकी है। अमरीका एक बार फिर खुद को एक बढ़ता हुआ राष्ट्र और अपने क्षेत्र का विस्तार करने वाला देश मानेगा। उन्होंने अमरीका-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और कहा कि अब अमरीका में अब तीसरा जेंडर (ट्रांस जेंडर) नहीं होगा। राष्ट्रपति ट्रप ने पहले दिन से ही इमिग्रेशन, ऊर्जा उत्पादन, अपराध और अन्य मुद्दों पर कई कदम उठाने का वादा किया है। ट्रंप ने कहा कि वह ‘विश्वास से भरे और आशावादी’ हैं क्योंकि वह ‘एक भयानक विश्वासघात को पूरी तरह से पलटने के जनादेश’ के साथ वाइट हाउस लौट रहे हैं। वहीं एलन मस्क ने एक्स पर लिखा कि न्याय का हथौड़ा चलने लगा।
निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा, निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, उनकी पत्नी मिशेल ओबामा और उनके परिवार के सदस्य, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंंटन व उनकी पत्नी हिलेरी क्लिटंन, पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश जूनियर व उनकी पत्नी लारा बुश भी शामिल हुए। कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े नेता मौजूद रहे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
ट्रंप के पीछे दिखे दुनिया के बड़े उद्योगपति
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के बड़े उद्योगपतियों और कारोबारियों को तरजीह दी गई। एलन मस्क के साथ-साथ मार्क जकरबर्ग, जेफ बेजोस और सुंदर पिचई जैसी हस्तियां शपथ समारोह में ट्रंप के पीछे मौजूद थीं। चुनाव जीतने में मस्क की बड़ी भूमिका के बाद माना जा रहा है कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल राजनीतिक दलों और पूंजीपतियों के संबंधों को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है और बडे पूंजीपति ट्रंप के पीछे से फैसले ले सकते हैं। इसे अब दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है।
‘लड़ाइयां रोकूंगा, तीसरा विश्व युद्ध नहीं होने दूंगा’
इससे पहले, रविवार को ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में आयोजित ‘विक्ट्री रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘दुनिया में चल रही लड़ाइयों को रोकूंगा और तीसरा विश्व युद्ध नहीं होने दूंगा। आपको पता नहीं है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कितने करीब है।’ ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध रोकने और मध्य पूर्व में अराजकता खत्म करने का भी वादा किया। उन्होंने दावा किया कि अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए भी दुनिया का सबसे आक्रामक अभियान चलाने का आदेश देंगे।
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