Ber Benefits: क्या बेर खाने से खांसी होती है, मिथ है या सच, आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानिए

Ber Benefits: क्या बेर खाने से खांसी होती है, मिथ है या सच, आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानिए

Ber Benefits: बेर का मौसम आ चुका है और यह स्वादिष्ट फल हर किसी के मन को ललचाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेर को लेकर काफी मिथक हैं, जैसे बेर खाने से खांसी हो सकती है? क्या यह सच है या सिर्फ एक भ्रम? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की है आयुर्वेदिक डॉक्टर से। अगर आपको भी ये कंफ्यूजन है, तो यहां से पूरी जानकारी ले सकते हैं।

बेर में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients found in plum)

बेर में विटामिन-A, विटामिन-B6, विटामिन-B12, विटामिन-C, वसा, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, जिंक, फास्फोरस, राइबोफ्लेविन, नियासिन जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। बेर खाने में मुलायम और मीठा होता है।

क्या बेर खाने से खांसी होती है? (Does eating plum cause cough?)

Eating Ber Benefits
Eating Ber Benefits

डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) के अनुसार, बेर खाने से खांसी बिल्कुल नहीं होती है। बल्कि, यह खांसी में राहत देता है, क्योंकि इसमें विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती देते हैं और स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

इसे भी पढ़ें – Ber Ki Chutney Recipe: उंगलियां चाटते रह जाएंगे जब बनाएंगे बेर की लाजवाब चटनी

बेर खाने के फायदे | Ber ke fayde

बेर का सेवन शरीर में शक्ति और ऊर्जा को बढ़ाता है।
बेर खाने से अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं में आराम मिल सकता है।
अस्थमा के मरीजों के लिए बेर फायदेमंद हो सकता है।
बेर खाने से उल्टी, पाचन संबंधी समस्याएं, जलन, और रक्त दोष में भी आराम मिलता है।
बेर आंखों की समस्याओं में भी मददगार हो सकता है।

बेर त्वचा के लिए फयदेमंद (Plum is beneficial for skin)

बेर के फल के कई संभावित लाभ होते हैं, जिनमें उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करना, मुहांसे का इलाज करना, और त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाना शामिल है।

बेर खाने का तरीका (How to eat plum)

बेर को आप ताजे फल के रूप में खा सकते हैं।

मुरब्बे या जूस के रूप में भी इसे अपनी डेली डाइट में शामिल किया जा सकता है।

बेर की पत्ते को घी में फ्राई करके उसे पीस लें और सिंधा नमक के साथ खा सकते हैं, जिससे खांसी से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

इसे भी पढ़ें – Sweet Potato: 5 हजार साल पुराना है शकरकंद, अमेरिका या भारत, किस देश का है ये, दिलचस्प है इसका इतिहास

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *