राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कोलकाता के बर्दवान में रविवार को स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने के महत्व पर जोर दिया। भागवत ने कहा कि ‘संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है। हिंदू समाज को एकजुट क्यों करना है? क्योंकि इस देश के लिए जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है। उन्होंने कहा कि आज कोई खास दिन नहीं है, फिर भी कार्यकर्ता इतनी गर्मी में सुबह से बैठे हैं क्यों? संघ क्या करना चाहता है? अगर इस सवाल का एक वाक्य में जवाब देना है तो संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है। भागवत ने आगे कहा;- देश के सामने बहुत सारे मुद्दे हैं, हमारे सामने कब नहीं थे? हमें पता होना चाहिए कि हमारी ताकत क्या है। हमें एकजुट होना होगा। भागवत बोले- भारत सिर्फ भूगोल नहीं
RSS चीफ भागवत ने कहा कि भारत सिर्फ भूगोल नहीं है; भारत की एक प्रकृति है। कुछ लोग इन मूल्यों के अनुसार नहीं रह सके और उन्होंने एक अलग देश बना लिया। लेकिन जो लोग स्वाभाविक रूप से यहीं रह गए, उन्होंने भारत के इस सार को अपना लिया। और यह सार क्या है? यह हिंदू समाज है, जो दुनिया की विविधता को स्वीकार करके फलता-फूलता है। हम कहते हैं ‘विविधता में एकता’, लेकिन हिंदू समाज समझता है कि विविधता ही एकता है। भागवत की स्पीच के 2 बड़ी बातें… 1. भारत वनवास काटने पर जाने वाले राजा को याद करता है
भारत में कोई भी सम्राटों और महाराजाओं को याद नहीं करता, बल्कि एक ऐसे राजा को याद करता है जो अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए 14 साल के वनवास पर चला गया। यह स्पष्ट रूप से भगवान राम का संदर्भ था, और वह व्यक्ति जिसने अपने भाई की पादुकाएं सिंहासन पर रखीं, और जिसने वापस आने पर राज्य सौंप दिया। ये विशेषताएं भारत को परिभाषित करती हैं। जो लोग इन मूल्यों का पालन करते हैं, वे हिंदू हैं और वे पूरे देश की विविधता को एकजुट रखते हैं। 2. भारत को अंग्रेजों ने नहीं बनाया, यह सदियों से मौजूद था
भारत अंग्रेजों ने नहीं बनाया। गांधी जी ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि अंग्रेजों ने ही हमें बताया था कि भारत उन्होंने बनाया है। जबकि यह गलत है। भारत सदियों से मौजूद है। भारत विविधतापूर्ण से भरा है, लेकिन एकजुट। आज अगर हम इस बारे में बात करते हैं तो हमें कहा जाता है कि हम हिंदुत्व की बात करते हैं। भागवत ने कहा था- अहंकार दूर रखें, नहीं तो गड्ढे में गिरेंगे RSS चीफ ने 16 दिसंबर 2024 को पुणे में कहा था कि व्यक्ति को अहंकार से दूर रहना चाहिए नहीं तो वह गड्ढे में गिर सकता है। देश के विकास के लिए समाज के सभी वर्गों को मजबूत बनाना जरूरी है। संघ प्रमुख भागवत ने कहा था कि हर व्यक्ति में एक सर्वशक्तिमान ईश्वर होता है, जो समाज की सेवा करने की प्रेरणा देता है, लेकिन अहंकार भी होता है। राष्ट्र की प्रगति केवल सेवा तक सीमित नहीं है। सेवा का उद्देश्य नागरिकों को विकास में योगदान देने में सक्षम बनाना होना चाहिए। ———————————— ये खबर भी पढ़ें… भागवत बोले- हिंदुओं को एकजुट रहना होगा; भारत हिंदू राष्ट्र, मतभेद को भुलाना होगा RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया। राजस्थान के बारां में दो महीने पहले संघ स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज मतभेद और विवाद मिटाकर एक साथ आएं। पीएम मोदी ने भी महाराष्ट्र में कहा था- हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे, जश्न मनाएंगे। पूरी खबर पढ़ें…
भागवत बोले-पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है संघ:यह देश का जिम्मेदार समाज; भारत को अंग्रेजों ने नहीं बनाया, यह सदियों से मौजूद था
