खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला, इससे 15,000 करोड़ रु. जुटाने का लक्ष्य झारखंड सरकार ने खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला किया है। इससे वित्त वर्ष 2025-26 में 15,000 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट ने बुधवार को खनिज धारित भूमि पर सेस की दरों में बदलाव के लिए अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। अभी लौह अयस्क और कोयले पर 100 रुपए प्रतिटन सेस लगता है। नई दर के अनुसार कोयले पर 250 और लौह अयस्क पर 400 रुपए प्रतिटन सेस देने होंगे। राज्य राजस्व संवर्द्धन समिति ने सेस दर में बदलाव की अनुशंसा की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले जुलाई में दिए गए एक फैसले के बाद समान रूप से 100 रुपए प्रतिटन सेस लगा था। समिति ने यह कहते हुए अनुशंसा की थी कि कोयला और लौह अयस्क के बाजार मूल्य में काफी अंतर है। राज्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय रॉयल्टी में भी अलग-अलग दर है। लौह अयस्क के सेल प्राइस पर 15 प्रतिशत और कोयले के सेल प्राइस पर 14 प्रतिशत रॉयल्टी लगती है। इस आधार पर समिति ने सेस राशि तय करने की अनुशंसा की थी। अन्य खनिजों पर सेस दरें : बॉक्साइट धारित भूमि पर सेस दर 70 रुपए प्रति मीट्रिक टन से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति मीट्रिक टन होगा। चूना पत्थर धारित भूमि पर सेस की दर 50 रुपए प्रति मीट्रिक टन से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति मीट्रिक टन होगा। इसके अलावा, 23 अन्य खनिजों पर भी अलग-अलग सेस दरें निर्धारित हुई हैं। सिकनी कोलियरी के पट्टे का विस्तार
कैबिनेट की बैठक में सिकनी कोलियरी में 137 एकड़ के खनिज पट्टे को विस्तार दिया गया है। इसमें झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को 410.75 एकड़ में से 133.47 एकड़ क्षेत्र में खनन पट्टे का अवधि विस्तार दिया गया है। थर्मल पावर प्लांट के कोयले पर रॉयल्टी के नियम में सुधार
राज्य सरकार ने पावर सेक्टर को भेजे जाने वाले कोयले पर रॉयल्टी के नियम में सुधार करने का भी निर्णय लिया है। इससे अब कोयला खनिज के विक्रय मूल्य का 14% रॉयल्टी मद में राज्य सरकार को प्राप्त होगा। कोयला खनिज पर रॉयल्टी की वसूली खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा की जाएगी। इसके लिए निर्धारित मूल्य के आधार पर श्रेणीवार रॉयल्टी की वसूली की जाएगी। अन्य क्षेत्रों में कोयला की बिक्री नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए कोयला के इनवॉयस के आधार पर रॉयल्टी की वसूली की जाएगी। झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना के बचे हुए कार्यों को पूरा करने के लिए मार्च तक अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई है। यह योजना राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला, इससे 15,000 करोड़ रु. जुटाने का लक्ष्य झारखंड सरकार ने खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला किया है। इससे वित्त वर्ष 2025-26 में 15,000 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। कैबिनेट ने बुधवार को खनिज धारित भूमि पर सेस की दरों में बदलाव के लिए अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। अभी लौह अयस्क और कोयले पर 100 रुपए प्रतिटन सेस लगता है। नई दर के अनुसार कोयले पर 250 और लौह अयस्क पर 400 रुपए प्रतिटन सेस देने होंगे। राज्य राजस्व संवर्द्धन समिति ने सेस दर में बदलाव की अनुशंसा की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले जुलाई में दिए गए एक फैसले के बाद समान रूप से 100 रुपए प्रतिटन सेस लगा था। समिति ने यह कहते हुए अनुशंसा की थी कि कोयला और लौह अयस्क के बाजार मूल्य में काफी अंतर है। राज्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय रॉयल्टी में भी अलग-अलग दर है। लौह अयस्क के सेल प्राइस पर 15 प्रतिशत और कोयले के सेल प्राइस पर 14 प्रतिशत रॉयल्टी लगती है। इस आधार पर समिति ने सेस राशि तय करने की अनुशंसा की थी। अन्य खनिजों पर सेस दरें : बॉक्साइट धारित भूमि पर सेस दर 70 रुपए प्रति मीट्रिक टन से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति मीट्रिक टन होगा। चूना पत्थर धारित भूमि पर सेस की दर 50 रुपए प्रति मीट्रिक टन से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति मीट्रिक टन होगा। इसके अलावा, 23 अन्य खनिजों पर भी अलग-अलग सेस दरें निर्धारित हुई हैं। सिकनी कोलियरी के पट्टे का विस्तार
कैबिनेट की बैठक में सिकनी कोलियरी में 137 एकड़ के खनिज पट्टे को विस्तार दिया गया है। इसमें झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को 410.75 एकड़ में से 133.47 एकड़ क्षेत्र में खनन पट्टे का अवधि विस्तार दिया गया है। थर्मल पावर प्लांट के कोयले पर रॉयल्टी के नियम में सुधार
राज्य सरकार ने पावर सेक्टर को भेजे जाने वाले कोयले पर रॉयल्टी के नियम में सुधार करने का भी निर्णय लिया है। इससे अब कोयला खनिज के विक्रय मूल्य का 14% रॉयल्टी मद में राज्य सरकार को प्राप्त होगा। कोयला खनिज पर रॉयल्टी की वसूली खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा की जाएगी। इसके लिए निर्धारित मूल्य के आधार पर श्रेणीवार रॉयल्टी की वसूली की जाएगी। अन्य क्षेत्रों में कोयला की बिक्री नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए कोयला के इनवॉयस के आधार पर रॉयल्टी की वसूली की जाएगी। झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना के बचे हुए कार्यों को पूरा करने के लिए मार्च तक अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई है। यह योजना राज्य के सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
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