CG Election 2025: नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कार्य में बीमारी का हवाला देकर ड्यूटी से मुक्त करने कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को थोक के भाव में आवेदन दिया था। जिस पर निर्वाचन अधिकारी द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन कर ऐसे कर्मचारियों अधिकारियों का दो दिन फिटनेस टेस्ट कराया गया। इसकी सूची मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी कर दी गई है। जिसके अनुसार 185 अधिकारी-कर्मचारी के स्वास्थ्य परीक्षण में 103 अनफिट तथा 81 अधिकारी-कर्मचारी फिट पाए गए हैं।
पहले अधिकारी कर्मचारी केवल मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव ड्यूटी से बच जाते थे। लेकिन अब उन्हें प्रशासन द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना है, इसलिए दिक्कत हो गई है। फिट अनफिट का फैसला मेडिकल बोर्ड ही करेगा। इस बार भी करीब 185 कर्मचारियों अधिकारियों बीपी, शुुगर सहित अन्य समस्या बताकर छुट्टी के लिए आवेदन लगाया है लेकिन जब मेडिकल बोर्ड ने इनकी मेडिकल जांच की तो 103 अधिकारी-कर्मचारी अनफिट पाए गए। 81 कर्मचारी फिट निकले।
छुट्टी के संबंध में अंतिम निर्णय जिला निर्वाचन कार्यालय लेगा। हालांकि आवेदन करने वालों में कुछ ऐसे अधिकारी कर्मचारी भी हैं, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी सचमुच दिक्कत है, लेकिन उनकी चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है। उन्हें मेडिकल बोर्ड की जांच के बावजूद कड़े नियमों से गुजरना पड़ रहा है।
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चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अभी भी जोर लगा रहे हैं। कई लोग तो डॉक्टरों से एप्रोच भी लगवा रहे, लेकिन डॉक्टर अपनी मजबूरी बताकर हाथ खींच रहे। यह सिलसिला मतदान के पहले दिन तक चलना है। चुनाव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी ने पोलिंग पार्टी बनाई है। इसमें रिजर्व पोलिंग पार्टी भी शामिल है। शनिवार को जिला पंचायत व 6 फरवरी को जिला अस्पताल में गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा टेस्ट लिया गया।
इस बार भी करीब 185 कर्मचारियों अधिकारियों बीपी, शुुगर सहित अन्य समस्या बताकर छुट्टी के लिए आवेदन लगाया है लेकिन जब मेडिकल बोर्ड ने इनकी मेडिकल जांच की तो 103 लोग फिट निकले। छुट्टी के संबंध में अंतिम निर्णय जिला निर्वाचन कार्यालय करेगा। शायद डॉक्टर की अनुशंसा के बाद इन्हें निर्वाचन कार्य से मुक्त किया जा सकता है।
जांच के बाद मेडिकल बोर्ड दे रही रिपोर्ट
पूर्व में चुनाव ड्यूटी से बचने संबंधित अधिकारी-कर्मचारी अपने मनमाफिक मेडिकल रिपोर्ट बनवाकर अपने विभाग को दे देते थे। बाद में इनका नाम भी चुनाव ड्यूटी लिस्ट से कट जाता था। इस बार नियम में बदलाव किया गया है। संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को पहले विभाग में आवेदन देने के बाद मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होना पड़ रहा। यहां उसे ओपीडी पर्ची बनवाने के बाद मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर जांच करते हैं। रिपोर्ट देखने के बाद सीएमएचओ अपने स्पष्ट अभिमत के साथ रिपोर्ट जिला निर्वाचन कार्यालय और संबंधित विभाग को भेज रहा है। मेडिकल रिपोर्ट में सिवील सर्जन, नेत्र, हड्डी, आरएमओ व चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं।
चुनाव ड्यूटी लिस्ट में शामिल 185 लोगों ने मेडिकल जांच के लिए आवेदन लगाया था। इनमें से 103 लोग अनफिट निकले हैं। अंतिम निर्णय जिला निर्वाचन कार्यालय से लिया जाएगा। जांच रिपोर्ट जिला निर्वाचन कार्यालय भेज दी गई है। – डॉ. दीपक जायसवाल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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