UP Politics Controversy: बलिया में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और बांसडीह विधानसभा क्षेत्र की विधायक केतकी सिंह के बीच श्रेय लेने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। मंत्री दयाशंकर सिंह ने सार्वजनिक रूप से विधायक केतकी सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति के लिए कोई प्रयास नहीं किया और अब श्रेय लेने का प्रयास कर रही हैं।
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मंत्री दयाशंकर सिंह के आरोप
मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना उनकी प्राथमिकता रही है और इसके लिए उन्होंने निरंतर प्रयास किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक केतकी सिंह ने इस संबंध में न तो कोई पत्र लिखा और न ही स्वीकृति मिलने पर बधाई दी। मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “केतकी सिंह को मेडिकल कॉलेज का श्रेय नहीं जाता।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम वार्ड बनवाना हो तो बांसडीह विधानसभा में बनवा लें।

विधायक केतकी सिंह की प्रतिक्रिया
विधायक केतकी सिंह ने मंत्री दयाशंकर सिंह के आरोपों पर अभी तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि विधायक ने अपने स्तर पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रयास किए हैं और मंत्री के आरोप निराधार हैं।
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मेडिकल कॉलेज की स्थापना का महत्व
बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना लंबे समय से लंबित मांग रही है। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मेडिकल कॉलेज की स्थापना से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
राजनीतिक टकराव के संभावित प्रभाव
मंत्री और विधायक के बीच इस टकराव का प्रभाव स्थानीय राजनीति पर पड़ सकता है। दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी से संबंधित हैं, और ऐसे में आपसी विवाद से पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है। स्थानीय जनता इस विवाद को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रही है; कुछ लोग मंत्री के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य विधायक के योगदान को भी महत्वपूर्ण मानते हैं।
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समाधान की संभावनाएं
इस विवाद का समाधान आपसी संवाद और समन्वय से संभव है। यदि दोनों नेता मिलकर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कार्य करें, तो इससे न केवल परियोजना की गति बढ़ेगी, बल्कि जनता के बीच सकारात्मक संदेश भी जाएगा। पार्टी नेतृत्व को भी इस मामले में हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
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बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र के विकास और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक है। ऐसे में नेताओं के बीच श्रेय को लेकर विवाद से बचते हुए, संयुक्त प्रयासों से इस परियोजना को सफल बनाना सभी के हित में होगा।
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