नौकरशाहों के न्यायालय के आदेशों की परवाह नहीं करने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। अवमानना के दो मामलों में मुख्य सचिव सुधांश पंत, प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, दिनेश कुमार, जोगाराम, जयपुर कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारी सागर व अमित कुमार, राजस्थान उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी रवि शर्मा सहित 14 अधिकारियों से अवमानना नोटिस के जरिए जवाब-तलब किया।
साथ ही, राजकीय अधिवक्ता नियुक्ति पर हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के निर्णय को एक वर्ष से ठंडे बस्ते में डालने को अवमानना मानते हुए हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से याचिका दर्ज कर मुख्य सचिव सुधांश, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल और प्रमुख विधि सचिव से जवाब मांगा है।
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह व न्यायाधीश प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने अवमानना संबंधी दो मामलों में अवमानना नोटिस जारी करने को कहा। वहीं न्यायाधीश गणेशराम मीणा ने हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के निर्णय को ठंडे बस्ते में डालने पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर याचिका दर्ज करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने जयपुर जिले के हाडोता गांव में चरागाह भूमि पर चारा वाहनों को खड़ा करने के आदेश की पालना नहीं होने पर मुख्य सचिव सुधांश पंत व अन्य से जवाब मांगा।
8 नवम्बर 24 के आदेश की पालना नहीं होने पर पंत के साथ ही राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार, पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव जोगाराम, जयपुर कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी व जयपुर के तत्कालीन यातायात पुलिस उपायुक्त सागर व उपायुक्त अमित कुमार, राजस्थान उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी रवि शर्मा, जयपुर जिला परिषद की तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमन चौधरी, चौमूं के उपखंड अधिकारी दिलीप सिंह, तहसीलदार विजयपाल बिश्नोई, थानाधिकारी प्रदीप कुमार, गोविन्दगढ़ के खंड विकास अधिकारी सानू अग्रवाल, हाडोता के ग्राम विकास अधिकारी आरती शर्मा व सरपंच केसरी देवी व ठेकेदार लालचंद यादव को भी अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एक अन्य मामले में पंत व सुबीर से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने राजस्थान ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट के सरकारी टेण्डर से संबंधित सभी दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड करने एवं सार्वजनिक करने संबंधित प्रावधान की पालना करने के 18 अगस्त 2023 के आदेश की अवमानना के मामले में मुख्य सचिव सुधांश पंत व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार से चार सप्ताह में जवाब मांगा। न्यायालय ने पब्लिक अंगेस्ट करप्शन संस्था की अवमानना याचिका पर यह आदेश दिया।
आइएएस देथा ने माफी मांगी
हाईकोर्ट में कॉलेज शिक्षा से जुड़े एक मामले में आदेश की पालना नहीं होने पर शुक्रवार को प्रमुख आयुर्वेद सचिव भवानी सिंह देथा पेश हुए। कोर्ट ने उनसे कहा कि आप और हम जनता की सेवा के लिए बैठे है। न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने कहा, मैं मिडिल क्लास फैमिली से यहां आया, मुझे पता है आमजन को कितनी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। कोर्ट के आदेश के बाद भी जब आप पालना नहीं करते है तो पक्षकार को फिर से अवमानना याचिका लगाने के लिए वकीलों के चक्कर लगाना पड़ता है। देथा के बिना शर्त माफी मांगने पर न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने अवमानना के मामले को निस्तारित कर दिया।
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वित्त विभाग के अधिकारी ने भी मांगी माफी
जयपुर के वाणिज्यिक न्यायालय ने इसी सप्ताह अदालत की ओर से जारी डिक्री की पालना रोकने को अवमानना मानते हुए वित्त प्रमुख को अवमानना नोटिस जारी किया। इसकी पालना में शुक्रवार को वित्त विभाग के संयुक्त सचिव एजाब नबी खान ने न्यायालय में हाजिर होना बिना शर्त माफी मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने अवमानना का मामला निस्तारित कर दिया।
जैसलमेर कलक्टर ने भी मांगी माफी
हाल ही जैसलमेर के एक मामले में अवमानना का दोषी मानने पर कलक्टर प्रताप सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने चौहान को राहत दी।
क्या नियुक्ति नहीं करना अवमानना नहीं
हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या बिना कोई उचित कारण हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की सहमति के बावजूद राजकीय अधिवक्ता की नियुक्ति नहीं की, क्या यह नियुक्ति नहीं करना अवमानना कारक है। इस मामले में मुख्य सचिव के जरिए राज्य सरकार, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल (आरजी), प्रमुख विधि सचिव व अधिवक्ता ब्रह्मानंद सांदू से दो अप्रेल तक जवाब मांगा, वहीं प्रमुख विधि सचिव को इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड सहित व्यक्तिश: तलब किया। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द कुमार गुप्ता व अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने कोर्ट का इस ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि राजकीय अधिवक्ता का एक पद खाली होने के कारण बड़ी संख्या में आपराधिक मामले लंबित हैं।
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