D Gukesh ने त्रिरुपती बालाजी के दर्शन किए, युवा चेस चैंपियन ने अपने बाल मुड़वाए

D Gukesh ने त्रिरुपती बालाजी के दर्शन किए, युवा चेस चैंपियन ने अपने बाल मुड़वाए

दुनिया के सबसे युवा चेस चैंपियन डी गुकेश डोमराजू बुधवार को तिरुपति मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने अपने बाल मुंडवाए और भगवान बालाजी को भेंट कर दिया। गुकेश 2025 में टाटा स्टील चैंपियन और फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड्सम 2025 में हिस्सा ले चुके हैं। वह नार्वे चेस 2025 इवेंट में भी दिख सकते हैं, जो कि स्टैन्गर में होगा। वेई यी के साथ गुकेश का सामना मैग्नस कार्लसेन और अर्जुन से होगा। गुकेश ने पिछले साल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। तिरुपति मंदिर में बाल दान करने के बाद 18 वर्षीय गुकेश ने नार्वे शतरंज द्वारा शेयर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, मुझे कड़ी मेहनत करते रहना है। 2025 में बहुत सारे अहम टूर्नामेंट हैं, इसलिए मैं उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं सभी फॉर्मेट में सुधार करना चाहता हूं और उम्मीद है कि भगवान की कृपा से अच्छी चीजें होंगी। तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को अपने बालों का दान करने की एक अनूठी परंपरा है। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने भगवान कुबेर से ऋण लिया था। इस ऋण को चुकाने के लिए भगवान वेंकटेश्वर के भक्तों ने अपने बाल दान  किए। माना जाता है कि लोग जितना बाल दान करते हैं उससे ज्यादा उन्हें धन मिलता है।  

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दुनिया के सबसे युवा चेस चैंपियन डी गुकेश डोमराजू बुधवार को तिरुपति मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने अपने बाल मुंडवाए और भगवान बालाजी को भेंट कर दिया। गुकेश 2025 में टाटा स्टील चैंपियन और फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड्सम 2025 में हिस्सा ले चुके हैं। वह नार्वे चेस 2025 इवेंट में भी दिख सकते हैं, जो कि स्टैन्गर में होगा। वेई यी के साथ गुकेश का सामना मैग्नस कार्लसेन और अर्जुन से होगा। गुकेश ने पिछले साल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। 
तिरुपति मंदिर में बाल दान करने के बाद 18 वर्षीय गुकेश ने नार्वे शतरंज द्वारा शेयर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, मुझे कड़ी मेहनत करते रहना है। 2025 में बहुत सारे अहम टूर्नामेंट हैं, इसलिए मैं उस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं सभी फॉर्मेट में सुधार करना चाहता हूं और उम्मीद है कि भगवान की कृपा से अच्छी चीजें होंगी। 
तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को अपने बालों का दान करने की एक अनूठी परंपरा है। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने भगवान कुबेर से ऋण लिया था। इस ऋण को चुकाने के लिए भगवान वेंकटेश्वर के भक्तों ने अपने बाल दान  किए। माना जाता है कि लोग जितना बाल दान करते हैं उससे ज्यादा उन्हें धन मिलता है। 
 

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