दिल्ली पुलिस ने एक सप्ताह तक चले अभियान में दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली से दो नाबालिगों समेत 24 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि दक्षिण दिल्ली से 13 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया जबकि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली से दो नाबालिगों समेत 11 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि अभियान छह मार्च को शुरू हुआ था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजधानी की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के निर्देश के कुछ दिनों बाद यह कार्रवाई की गई।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) एस के जैन ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के पास बांग्लादेश सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय पहचान पत्र पाए गए।
उन्होंने बताया कि भारत में प्रवेश करने के बाद अवैध प्रवासियों ने कथित तौर पर स्थानीय संपर्कों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल किए।
जैन ने बताया, “जाली दस्तावेजों को अब रद्द करने के लिए संबंधित अधिकारियों को भेजा जा रहा है।”
अधिकारी ने बताया कि भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में उनकी (अवैध प्रवासियों की) मदद करने वाले स्थानीय संपर्कों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से निर्वासित करने की प्रक्रिया जारी है।
अधिकारी ने बताया कि प्रवासी पश्चिम बंगाल में बेनापोल और हकीमपुर सीमा के रास्ते भारत में घुसे और फिर ट्रेन से दिल्ली पहुंचे।
जैन ने बताया, “अधिकारी भारत में उनके (बांग्लादेशियों के) अवैध प्रवेश और ठहरने में मदद करने वाले व्यक्तियों और नेटवर्क का पता लगाने तथा उन्हें पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर रहे हैं।”
अधिकारी ने बताया कि हिरासत में ली गई महिलाएं दक्षिण दिल्ली के सीआर पार्क जैसे बंगाली बहुल इलाकों में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थीं, जबकि पुरुष मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करते थे।
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