बेंगलूरु. राज्य की जेलों में मादक पदार्थों के इस्तेमाल के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जेलों में मादक तलाश करने के लिए डॉग स्क्वॉड का गठन किया जा रहा है।
जेलों में सुरक्षा पर भाजपा सदस्य प्रताप सिम्हा नायक के एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने विधान परिषद में कहा निगरानी के बावजूद, नशीली दवाएं जेलों में पहुंच जाती हैं और सुरक्षा प्रहरियों को उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, हम जेलों में तैनात करने के लिए डॉग स्क्वॉड बनाने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तक, जब भी आवश्यकता होती थी, K-9 कैनाइन स्क्वॉड के खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जाता था। सख्त निगरानी के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें 280 AI-सशक्त कैमरे, 66 जेलों में जैमर और कर्नाटक औद्योगिक सुरक्षा बल के केंद्रीय कर्मियों द्वारा जारी किए गए फंड से खरीदे गए बैगेज स्कैनर और वॉकी टॉकी शामिल हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि जेल में अवैध गतिविधियों के लिए 248 मामले दर्ज किए गए हैं तथा अवैध गतिविधियों में मिलीभगत के लिए 22 जेल कर्मियों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए गए हैं।
No tags for this post.