हुब्बल्ली के कर्नाटक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (केएमसीआरआई) में जूनियर मेडिकल छात्रों के साथ कथित तौर पर रैगिंग के मामले में पांच सीनियर एमबीबीएस छात्रों को कक्षा में जूनियर छात्रों की रैगिंग के आरोप में एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह घटना पिछले सप्ताहांत सर्जरी क्लास के दौरान हुई।
मिली जानकारी के मुताबिक फाइनल ईयर के एमबीबीएस छात्रों ने कथित तौर पर प्रथम वर्ष के छात्रों को धमकाया और उन्हें उनकी ओर से कक्षा में उपस्थित होने और रोल कॉल का जवाब देने के लिए मजबूर किया। मामले को लेकर सर्जरी विभाग के एक सहायक प्रोफेसर ने उनसे पूछताछ की। जांच करने पर मामला प्रकाश में आया और प्रोफेसर ने तुरंत इसकी सूचना विभागाध्यक्ष और प्रिंसिपल डॉ. गुरुशांतप्पा यलगाचिन को दी।
घटना के बारे में जानने के बाद केएमसीआरआई के निदेशक डॉ। एसएफ कम्मर ने प्रिंसिपल की अध्यक्षता वाली कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। शनिवार दोपहर को समिति ने गहन जांच की और निदेशक को रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद पांच छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।
केएमसीआरआई के निदेशक डॉ. एसएफ कामर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, उन्हें रिपोर्ट मिली थी कि जूनियर छात्रों को कक्षा में रैगिंग का सामना करना पड़ा। एंटी-रैगिंग कमेटी के निष्कर्षों के आधार पर कॉलेज के छात्रावास में रहने वाले तुमकूरु और दावणगेरे सहित विभिन्न जिलों के पांच एमबीबीएस छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके माता-पिता को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केएमसीआरआई में पहले से ही एक विशेष टीम का गठन किया गया है और छात्र सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा कर्मचारियों और छात्रों के लिए यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों की रिपोर्ट करने के लिए विभिन्न स्थानों पर पिंक बॉक्स रखे गए हैं। उन्होंने रैगिंग की इस घटना को खेदजनक करार दिया।
केएमसीआरआई में रैगिंग का यह पहला मामला है। इस मामले के बाद एंटी-रैगिंग कमेटी को समय-समय पर बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया गया है, और छात्रों और अभिभावकों को भविष्य में ऐसी कोई घटना होने पर शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। वहीं, डॉ। कम्मर ने आश्वासन दिया कि अभिभावकों की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया जाएगा।
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