सरकार पर झारखंड आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप, पेंशन से वंचित

सरकार पर झारखंड आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप, पेंशन से वंचित

कुड़ू| थाना क्षेत्र के बड़की चांपी व कुंदगढ़ा गांव में दो पक्षों के बीच आपसी विवाद के बाद हुई। मारपीट की घटना में आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार कुंदगढ़ा व बड़की चांपी गांव के ग्रामीणों के बीच किसी बात को लेकर आपसी विवाद मारपीट में तब्दील हो गया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच लाठी डंडों की बरसात हो गई। किसी प्रकार घटना शांत हुआ। घटना में बड़की चांपी निवासी सागर राम, कुंदगढ़ा निवासी, इंदू देवी, सहिन्द्र राम, लखन राम, रनिया देवी, तैय्या जी राम, आशिश राम, बड़की चांपी निवासी गुड़िया देवी व प्रेम कुमार घायल हो गए हैं। घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए कुड़ू अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद एक घायल प्रेम राम को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भास्कर न्यूज | लोहरदगा झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार पर मूल आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। आंदोलनकारी डॉ. बूटन महली ने कहा कि सरकार राजनीति के लिए कुछ सिख, मुस्लिम, बंगाली और नंदलाल नायक को झारखंड आंदोलनकारी घोषित कर रही है। यह मूल आंदोलनकारियों के साथ अन्याय है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन 17 लोगों को आंदोलनकारी घोषित किया गया है, वे झारखंड आंदोलन के किस क्षेत्र में सक्रिय थे। अगर वे आंदोलन में शामिल थे, तो अब तक चुप क्यों थे। उन्होंने कहा कि सरकार वोट की राजनीति के लिए नए आंदोलनकारी पैदा कर रही है। इससे उन हजारों आदिवासी और मूलवासियों को ठेस पहुंचेगी, जिन्होंने आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज भी कई आंदोलनकारी पेंशन और सम्मान से वंचित हैं। कई आंदोलनकारी पेंशन की आस में गुजर चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने मांग की कि उन आंदोलनकारियों को भी जल्द पेंशन दी जाए, जो जेल नहीं गए, लेकिन उन्हीं घटनाओं में शामिल थे, जिनमें जेल जाने वाले आंदोलनकारी थे। जेल जाने की बाध्यता खत्म कर सभी आंदोलनकारियों को पेंशन और सुविधाएं दी जाएं। सरकार पहले मूल आंदोलनकारियों की व्यवस्था करे, फिर नए आंदोलनकारियों की घोषणा करे। कुड़ू| थाना क्षेत्र के बड़की चांपी व कुंदगढ़ा गांव में दो पक्षों के बीच आपसी विवाद के बाद हुई। मारपीट की घटना में आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार कुंदगढ़ा व बड़की चांपी गांव के ग्रामीणों के बीच किसी बात को लेकर आपसी विवाद मारपीट में तब्दील हो गया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच लाठी डंडों की बरसात हो गई। किसी प्रकार घटना शांत हुआ। घटना में बड़की चांपी निवासी सागर राम, कुंदगढ़ा निवासी, इंदू देवी, सहिन्द्र राम, लखन राम, रनिया देवी, तैय्या जी राम, आशिश राम, बड़की चांपी निवासी गुड़िया देवी व प्रेम कुमार घायल हो गए हैं। घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए कुड़ू अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद एक घायल प्रेम राम को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। भास्कर न्यूज | लोहरदगा झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार पर मूल आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। आंदोलनकारी डॉ. बूटन महली ने कहा कि सरकार राजनीति के लिए कुछ सिख, मुस्लिम, बंगाली और नंदलाल नायक को झारखंड आंदोलनकारी घोषित कर रही है। यह मूल आंदोलनकारियों के साथ अन्याय है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन 17 लोगों को आंदोलनकारी घोषित किया गया है, वे झारखंड आंदोलन के किस क्षेत्र में सक्रिय थे। अगर वे आंदोलन में शामिल थे, तो अब तक चुप क्यों थे। उन्होंने कहा कि सरकार वोट की राजनीति के लिए नए आंदोलनकारी पैदा कर रही है। इससे उन हजारों आदिवासी और मूलवासियों को ठेस पहुंचेगी, जिन्होंने आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज भी कई आंदोलनकारी पेंशन और सम्मान से वंचित हैं। कई आंदोलनकारी पेंशन की आस में गुजर चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने मांग की कि उन आंदोलनकारियों को भी जल्द पेंशन दी जाए, जो जेल नहीं गए, लेकिन उन्हीं घटनाओं में शामिल थे, जिनमें जेल जाने वाले आंदोलनकारी थे। जेल जाने की बाध्यता खत्म कर सभी आंदोलनकारियों को पेंशन और सुविधाएं दी जाएं। सरकार पहले मूल आंदोलनकारियों की व्यवस्था करे, फिर नए आंदोलनकारियों की घोषणा करे।  

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *