कम अंक लाने पर भी बच्चों को गले लगाकर मनोबल बढाएं

कम अंक लाने पर भी बच्चों को गले लगाकर मनोबल बढाएं

 प्रेरणा महिला साहित्यिक मंच की ओर से आयोजित वर्चुअल साहित्यिक गोष्ठी सह होली स्नेह मिलन में परीक्षा में उच्च प्राप्तांक के लिए बच्चों पर पड़ते दबाव के विषय पर चर्चा हुई। गीता चौबे गूंज, अनीता रश्मि, मधु मनमौजी, मुकेश कुमार दुर्लभ, वीणा मेदनी, कमल पुरोहित अपरिचित, लता चौहान ने चर्चा में भाग लिया।वक्ताओं ने कहा कि बच्चे परीक्षा के आते ही तनाव ग्रस्त हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण माता-पिता की तरफ से पड़ता दबाव है। बच्चों में नाकामयाबी के कारण मृत्यु दर आत्महत्या भी बढ़ रहा है। सरकार को बच्चों के शिक्षा नीति में बदलाव लाना चाहिए, जिससे बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ अन्य क्षेत्र का समुचित ज्ञान प्राप्त हो। माता-पिता को बच्चों पर किसी भी प्रकार का दबाव न डालते हुए उनकी प्रतिभा को पहचानें और उसकी ओर अग्रसर करने का प्रयास करना चाहिए तभी बच्चे का समग्र रूप से विकास संभव हो सकता है। कम अंक लाने पर भी बच्चे को हताश करने के बजाय गले लगाएं, उसे स्वीकार करें। इससे बच्चों के मनोबल में दृढ़ता आएगी।

दूसरे सत्र में होली पर आयोजित कविता पाठ में रमा बहेड, भावना तोमर, खुशबू बरनवाल, अनुराधा के, शिवालिक अमर कुशवाहा, पल्लवी, बृजेंद्र मिश्रा आदि ने कविताओं की सरिता बहाकर सभी को ओतप्रोत कर दिया। मधु मनमौजी की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भगवती सक्सेना गौड़ ने की।प्रेरणा लोक मंच एवं प्रेरणा बाल प्रतिभा मंच ने सहयोग दिया। स्वागत वीणा मेदनी व संचालन निर्मला कर्ण ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गीता सिन्हा गीतांजलि, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार अनीता रश्मि एवं गीता चौबे गूंज मौजूद थे।

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