हरियाणा निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। 10 नगर निगमों में से 9 पर भाजपा ने जीत हासिल की, जबकि 1 पर निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया। इन नतीजों में कुछ रोचक और चौंकाने वाले पहलू रहे। 3 पार्षद कैंडिडेट मात्र एक वोट से चुनाव जीते। वहीं एक मंत्री के जीजा तो दूसरे मंत्री के पीए की पत्नी पार्षद बनीं। इसके साथ एक ही परिवार के तीन सदस्य पार्षद बने। वहीं एक जगह कांग्रेस की हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने गोभी के पकौड़े बांटकर जश्न मनाया। अब विस्तार से पढ़िए 10 रोचक मामले… 1. कैथल: सीवन में 1 वोट से जीत
कैथल की सीवन नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 में बेअंत कौर मात्र 1 वोट से जीतीं। उनको 173 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी रवि कुमार को 172 वोट मिले। हालांकि उनके साथ 2 और कैंडिडेट मैदान थे, जो 100 वोटों तक भी नहीं पहुंच पाए। 2. सोनीपत: संजय महज 1 वोट से जीते, 12वां चुनाव हारे रमेश खत्री
खरखौदा नगर पालिका में सबसे रोमांचक मुकाबला वार्ड नंबर 9 में देखने को मिला। जहां संजय पंवार ने सिर्फ 1 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें 484 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी संदीप को 483 वोट मिले। वहीं सोनीपत में मेयर उपचुनाव में निर्दलीय रमेश खत्री को सिर्फ 342 ही वोट मिले। यहां से BJP के राजीव जैन को जीत मिली है। रमेश के मुताबिक अभी तक वह करीब 12 चुनाव लड़ चुके हैं। नगर निगम चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा का चुनाव हर बार लड़ते हैं। हर बार उनको हार मिलती है। खत्री ने बताया कि ये चुनाव उनका 12वां चुनाव था। 3. भिवानी: पार्षद उम्मीदवार को जीरो वोट, एक वोट से जीता पार्षद
भिवानी की बवानीखेड़ा नगर पालिका के वार्ड नंबर 9 में रोचक मामला सामने आया। जहां कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे। कुल 564 वोट पोल हुए। इनमें निर्दलीय सुमित्रा देवी सबसे ज्यादा 193 वोट लेकर पार्षद बनी। इसी वार्ड में उम्मीदवार कृष्ण कुमार को एक भी वोट नहीं मिला। जिससे साफ है कि कृष्ण कुमार ने खुद को भी वोट नहीं डाला। वहीं यहां से एक और उम्मीदवार निशा को एक ही वोट ही मिला। उधर, लोहारू के वार्ड नंबर 13 में कांटे का मुकाबला रहा। जहां सिर्फ एक वोट से हार-जीत का फैसला हुआ। 761 वोट पोल हुए थे। जिनमें से जीते उम्मीदवार अजय शर्मा को 271 और दूसरे स्थान पर रहने वाले सुशील कुमार को 270 वोट मिले। जबकि तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार रिक्की को 193 वोट पड़े। यहां 17 लोगों ने नोटा दबाया। 4. हिसार: BJP की कैंडिडेट 14 वोट से जीती, पूर्व मंत्री को चप्पल मरवाने वाला हारा
हिसार के वार्ड नंबर 10 में BJP की कैंडिडेट साक्षी शर्मा ने सबसे छोटी जीत हासिल की है। साक्षी महज 14 वोट से चुनाव जीतीं। उन्होंने कांग्रेस नेता बीर सिंह ख्यालिया की पत्नी कविता को हराया। साक्षी को 2149 वोट और कविता ख्यालिया को 2135 वोट मिले। इसी वार्ड से एक और कविता मैदान में थी, जिन्हें 1268 वोट मिले। वहीं हिसार से पूर्व मंत्री कमल गुप्ता को जनसभा के बीच चप्पल मरवाने वाला BJP का ही कैंडिडेट राजेंद्र सैनी चुनाव हार गया। राजेंद्र सैनी जिंदल हाउस के कोटे से टिकट लाए थे। इन पर भाजपा के नेता ने आरोप लगाया था कि इनके समर्थक ने कमल गुप्ता पर चप्पल फेंकी थी। वार्ड नंबर 8 से निर्दलीय रवि सैनी जमालपुरिया ने 2792 वोट से राजेंद्र सैनी को हरा दिया। 5. पानीपत: मंत्री पंवार के जीजा और ढांडा के पीए की पत्नी पार्षद बनीं
पानीपत निगम के 26 वार्डों में से 23 पर भाजपा कमल खिलाने में कामयाब रही है। यहां वार्ड नंबर 7 से पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार के जीजा अशोक कटारिया तीसरी बार जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के भोपाल सिंह को हरा दिया। उन्हें कुल 4950 वोट मिले जबकि भोपाल सिंह को 1961 वोट ही मिल पाए। इसके साथ ही वार्ड नंबर 2 से भी एक रोचक मामला सामने आया। यहां से भाजपा ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के PA अनिल शर्मा की पत्नी काजल शर्मा को टिकट दी थी। काजल शर्मा पहली बार चुनाव लड़ रही थी, लेकिन उन्हें 7062 वोट मिले। इस तरह वह पहली ही बार चुनाव लड़ पार्षद बन गईं। 6. झज्जर: 2 वार्डों से दंपती ने चुनाव लड़ा, दोनों जीते
बेरी नगर पालिका में 2 वार्डों से पति और पत्नी ने चुनाव लड़ा। दोनों ने ही बाजी मारकर सबको चौंका दिया है। प्रवीण कुमार ने वार्ड नंबर 8 से नॉमिनेशन फॉर्म भरा था। जबकि उन्होंने पत्नी का वार्ड 10 से ऊषा का नामांकन भरवाया था। दोनों को जीत मिली। प्रवीण कुमार की ये लगातार तीसरी जीत रही। 7. सिरसा: कांग्रेस की हार पर कांग्रेसियों ने ही गोभी के पकौड़े बांटे
सिरसा नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही खुशी मनाई। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गोभी के पकौड़े बांट खुशी मनाई। बाकायदा हलवाई बिठाकर गोभी के गर्मागर्म पकौड़े बनवाए गए। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को पार्टी की गोभी खोदने वाला बताया था। इसके बाद से स्थानीय कांग्रेसी नेता नाराज रहे और चुनाव प्रचार में नजर नहीं आए। अंदरखाते कांग्रेस उम्मीदवार जसविंदर कौर की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र कुमार की भी मदद की। 8. फरीदाबाद: एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद बने
फरीदाबाद में एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद चुनाव जीत गए। इनमें वार्ड 42 से दीपक यादव, वार्ड 43 से उनकी पत्नी रश्मि यादव और वार्ड 40 से उनके भाई पवन यादव को जीत मिली। तीनों ने ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था। दीपक 5614 वोट, रश्मि को 9931 और पवन को 6189 वोट मिले। तीनों को एक ही चुनाव चिन्ह हवाई जहाज मिला था। 9. गुरुग्राम: 4 बार काउंटिंग कराई, 2 वोट से जीता उम्मीदवार
गुरुग्राम नगर निगम के वार्ड 10 से निर्दलीय उम्मीदवार महावीर यादव ने 2 वोटों से जीत दर्ज की है। इस वार्ड में 4 बार काउंटिंग कराई गई। जिसको लेकर हंगामा भी हुआ। महावीर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए बार-बार गिनती करवाई। इसकी साथ मेयर चुनाव में 15911 लोगों ने नोटा दबाया। वहीं कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी सीमा पाहुजा 1,79,485 वोटों से हार गई। यहीं नहीं उनके पति भी पार्षद चुनाव हार गए। उनके पति पवन पाहुजा वार्ड 32 से पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे। वह 3595 वोटों से हार गए। 10. महेंद्रगढ़: बहू 566 तो ससुर 100 वोटों से जीते
महेंद्रगढ़ जिले की कनीना नगर पालिका में अध्यक्ष और वार्ड पार्षदों का चुनाव हुआ। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर रिंपी कुमारी चेयरपर्सन चुनी गईं हैं। रोचक बात ये है कि इस बार रिंकी के परिवार से उनके ससुर भी चुनावी मैदान में थे। वार्ड नंबर 14 से रिंपी के ससुर राजेंद्र सिंह पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे। वह मात्र 100 वोटों से चुनाव जीते हैं। जबकि रिंपी 566 वोटों के अंतर से जीतीं। रिंपी को 3138 वोट मिले, जबकि सुमन चौधरी को 2572 वोट मिले। उधर, वार्ड 14 से राजेंद्र को 324 वोट मिले, जबकि अनूप यादव को 224 वोट प्राप्त हुए। बहू हारी, बेटा 35 वोटों से जीता
राजेंद्र के परिवार से 2 लोग चुनावी मैदान में उतरे और दोनों को ही जीत मिल गई। हालांकि ऐसा पूर्व चेयरपर्सन दिलीप सिंह के परिवार के साथ नहीं हुआ। इस बार पूर्व चेयरपर्सन ने अपनी बहू सुमन चौधरी को मैदान में उतारा था और अपने बेटे दीपक को वार्ड नंबर 2 से चुनाव लड़वाया था। दीपक वार्ड नंबर 2 से मात्र 35 वोटों से जीते, जबकि उनकी बहू सुमन चौधरी को रिंपी से हार का सामना करना पड़ा। किस नगर निगम में कौन मेयर चुनाव जीता, ग्राफिक्स में देखिए ———————– हरियाणा निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में BJP ने 10 में से 9 निगम जीते:कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला, हुड्डा-सैलजा गढ़ नहीं बचा सके, मानेसर में निर्दलीय मेयर हरियाणा के 10 नगर निगमों में से 9 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीतीं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल को हराया। इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्यमंत्री व गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत की करीबी बताकर प्रचार किया था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा चला:BJP ने 2 नए निगम भी जीते, कांग्रेस का सूपड़ा साफ; दोनों की हार-जीत की 4-4 वजहें हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा निकाय चुनाव, 10 रोचक मामले:3 कैंडिडेट 1 वोट से जीते; एक ने खुद को भी वोट नहीं डाला; मंत्री के जीजा पार्षद बने
