आजमगढ़ में 185 मदरसों पर दर्ज हुआ मुकदमा:EOW की जांच में दोषी पाए जाने पर शुरू हुई कार्रवाई, जांच में 313 मदरसे मिले थे मानक के विपरीत

आजमगढ़ में चल रहे मदरसों के विरुद्ध अभियान के अंतर्गत 6 फरवरी से अब तक 185 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिले में मुकदमों की यह संख्या अभी बढ़कर 200 से अधिक तक जाएगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में मदरसों को खोलने के साथ ही उसके संचालन में किस कदर खेल किया गया है। आजमगढ़ में 185 मदरसों पर दर्ज हुआ मुकदमा आजमगढ़ जिले में संचालित हो रहे अस्तित्व विहीन और मानक का पालन न करने वाले मदरसा संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू हो गई है। जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे। इस मामले में जब एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व में ही नहीं रहे। इस मामले में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह की तहरीर पर जहां पहला मुकदमा जिले के कंधरापुर थाने में दर्ज किया गया था। वहीं अब FIR की संख्या 185 हो गई है जिसे लेकर मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। दर्ज किए जा चुके हैं 185 मुकदमे इस बारे में जिले के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि जिले में वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था। 2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी। जहां 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले, जबकि 313 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थी। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी टीम को दी। 2022 में शासन को सौंपी में एसआईटी ने पाया कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्व विहीन थे। इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था। लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही थी। शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है। सभी थानों में एफआईआर की कॉपी पहुंच गई है। किसी थाने को 50 कॉपी तो किसी थाने को 20 कॉपी तहरीर मुकदमा दर्ज करने के लिए भेजी गई है। इस मामले में 6 फरवरी को पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में दर्ज हुआ था। SIT ने की थी मामले की जांच इस मामले पर एसपी ग्रामीण ने बताया कि जनवरी 2023 में शासन द्वारा एसआईटी का गठन कर जिले में मदरसा पोर्टल पर दर्ज मदरसों की जांच कराई गई, जिसमें 219 मदरसे अस्तित्व विहीन पाए गए। इनके द्वारा फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लेकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा था। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन की ओर से इन मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश हुआ है।

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