बिहार में होली पर शराब की घर तक डिलीवरी:होली पर शराब मौत जैसी, तीन साल पहले ही गईं 32 जानें, पीने की गलती न करें

बिहार में होली पर शराब की घर तक डिलीवरी:होली पर शराब मौत जैसी, तीन साल पहले ही गईं 32 जानें, पीने की गलती न करें

बिहार में होली पर शराब की होम डिलीवरी हो रही है। भास्कर रिपोर्टर ने जब ग्राहक बनकर एक एजेंट से संपर्क किया तो उसने घर तक शराब की डिलीवरी देने का ऑफर दिया। ये हाल तब हैं जब शराबबंदी हुए 9 साल हो चुके हैं। तीन साल पहले यानी 2022 में ही जहरीली शराब ने बिहार में होली पर 32 जानें ले ली थीं। भागलपुर में 17, बांका में 12 और मधेपुरा में 3 लोगों की जान चली गई थी। इस बार भी शराब कारोबारी मुनाफा कमाने के लिए लालच में मिलावटी शराब बेच रहे हैं। कुछ ही दिनों पहले जहरीली शराब से बेतिया में 6 लोगों की मौतें हुईं थीं। कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। कुछ को हमेशा के लिए बीमारियों ने पकड़ लिया। इससे ये साबित होता है कि बिहार में शराबबंदी फेल हो रही है। पिछले महीने भास्कर के इंवेस्टिेगेशन में भी खुलासा हुआ था कि यूपी बॉर्डर से शराब बिहार नदी के रास्ते भेजी जा रही है। ऐसे में आप अपनी जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहते तो शराब से दूर रहें। पढ़िए, शराब तस्कर और भास्कर रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत… रिपोर्टर- होली नजदीक है, हमको सामान चाहिए। लालू जी आपका नंबर दिए हैं और आपसे बात कर लेने के लिए कहा है। तस्कर- ठीक है, दीपक को जानते हैं आप? रिपोर्टर- कौन दीपक? दीपक कबाड़ी क्या? तस्कर- हां, दीपक के सिर के बाल का कलर क्या है? रिपोर्टर- दीपक कबाड़ी के सिर पर तो बाल ही नहीं है। तस्कर- अच्छा ठीक है, कब माल चाहिए? रिपोर्टर- हमको होली के दो दिन पहले चाहिए। तस्कर- माल कहां डिलीवर करना है? रिपोर्टर- पटना के दीघा में पहुंचा दीजिएगा। तस्कर- ठीक है, माल पहुंच जाएगा। रिपोर्टर- कौन कौन ब्रांड रखे हैं? कितना में देंगे और कैसे लाएंगे। तस्कर- रेट अभी नहीं बताएंगे, जब डिलीवरी होगी तब आपको रेट बता दिया जाएगा, क्योंकि दाम बढ़ते-घटते रहता है। हमको ऑनलाइन पैसा नहीं दीजिएगा। जब माल पहुंच जाएगा, तब आप पैसा दीजिएगा। आपको बियर, 8pm सहित जो माल खोजेंगे, सब मिलेगा। कितना चाहिए बता दीजिए। रिपोर्टर- पटना के दीघा में पहुंचा देंगे ना? तस्कर- हां, माल पहुंच जाएगा। रिपोर्टर- किस रास्ते से लेकर आएंगे? तस्कर- उससे आपको क्या मतलब है? आप एड्रेस दीजियेगा, आपके एड्रेस तक माल पहुंच जाएगा। हम कैसे लायेंगे, किस रास्ते से लायेंगे, उससे आपको क्या मतलब है? आपको माल से मतलब है ना, आप आप पैसा दीजिए और माल लीजिए। रिपोर्टर- कौन-कौन डिलीवर कर देंगे? तस्कर- जो ब्रांड कहिएगा सब लाकर दे देंगे? रिपोर्टर- आप यूपी से ही न लाकर देंगे? डुप्लीकेट नहीं न देंगे? तस्कर- हम कहां से लाएंगे उससे आपको क्या मतलब है। रही बात डुप्लीकेट की तो कलर मिलाकर भी दे देते हैं, वह आपको सस्ता में ही मिल जाएगा। रिपोर्टर- डुप्लीकेट से तो आदमी भी मरता है। तस्कर- तो उससे आपको क्या मतलब है? अब पढ़िए यूपी से कैसे बिहार में शराब की तस्करी हो रही…. गंगा और घाघरा से रोजाना लाखों की शराब UP से बिहार पहुंचाने का सुरक्षित रास्ता बन गया है। दैनिक भास्कर की टीम ने खोजबीन में पानी के जरिए शराब की तस्करी देखी। बलिया दो तरफ से गंगा और घाघरा नदी से घिरा है। इस एरिया को दोआबा कहते हैं। इन इलाकों में खनन और शराब तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। शहर और कस्बों से दूर इन इलाकों में शाम होते-होते सन्नाटा छा जाता है। फिर इन इलाकों में नदी किनारे बसे लोग ही दिखते हैं। जो गांव नदी किनारे हैं, उसके लोग शराब तस्करी से जुड़े हैं। बरसात के समय नदियां लबालब होती हैं, लेकिन बाकी दिनों में पानी कम होता है। शराब तस्करी उन घाटों से होती है, जहां ज्यादा आवाजाही न हो। ज्यादातर तस्करी रात में होती है। UP के घाट से शराब लदती है और एक से तीन किलोमीटर दूर ही बिहार का बॉर्डर आ जाता है। दोनों नदियों के उस पार बिहार का बॉर्डर एक तरफ बिहार तो दूसरी तरफ UP का बलिया जिला। गंगा के उस पार बिहार का भोजपुर (आरा) जिला और घाघरा के उस पार छपरा जिला पड़ता है। यह जल सीमा 150 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका फायदा दोनों तरफ के तस्कर उठाते हैं। बलिया के तस्कर, बिहार के तस्कर को नाव पर माल उपलब्ध कराते हैं। जानिए, कैसे बनती है जहरीली शराब फिजिशियन डॉ. राणा एसपी सिंह के मुताबिक, नशा बढ़ाने के लिए स्पिरिट (मेथनॉल) की मात्रा बढ़ा दी जाती है। इसके अलावा ही नशे की गोलियां भी डालते हैं। स्पिरिट ज्यादा होने से शराब जहरीली हो जाती है। जबकि, शराब की फैक्ट्रियों में हर स्तर पर तय मानक के अनुसार ही काम्बिनेशन किया जाता है। लैब में जांच होती है, सो अलग। होम्योपैथी दवा के नाम पर लाते हैं स्पिरिट सारण पुलिस की छापेमारी में कई बार ये सामने आ चुकी है कि होम्योपैथी दवा बनाने के नाम पर सप्लायर यूपी से अलग-अलग तरकीब के माध्यम से स्पिरिट लाते हैं। इसके बाद इसमें ये अपने हिसाब से पानी मिलाकर शराब बनाते हैं। इसी में कॉम्बिनेशन बिगड़ने पर शराब जहरीली होती है। दो बार पीते पकड़े गए तो जुर्माना देकर छूट जाएंगे; तीसरी बार नशे में मिले तो सीधे जेल शराबबंदी कानून के तहत पहली और दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर पुलिस या मद्य निषेध विभाग के अधिकारी ऑन द स्पॉट जुर्माना लेकर छोड़ देंगे। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी। जुर्माना 5 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक हो सकता है। यह राशि संबंधित मजिस्ट्रेट तय करेगा, लेकिन यह राहत दो बार के ही लिए है। अगर तीसरी बार नशे में पकड़े गए तो जुर्माने का नहीं, सीधे जेल होगी। इसके अलावा शराब के धंधे में पकड़े गए वाहन को जब्ती के बाद पेनल्टी लेकर छोड़ दिया जाएगा। —————– ये भी पढ़ें… UP-बिहार बॉर्डर पर शराब तस्करी में नौकरी से ज्यादा पैसा:गंगा-घाघरा के किनारे स्टार्टअप बना शराब तस्करी, सरकार की कमाई 8 गुना बढ़ी मैं 16 साल की उम्र से शराब तस्करी कर रहा हूं। इस धंधे में हमने कई लोगों को खड़ा किया। कुछ लोग तो जेल में हैं, लेकिन हम कभी जेल नहीं गए। जब से शराबबंदी हुई है, हमने खूब पैसा कमाया। ये कहना है 22 साल के शराब तस्कर सनी साहनी का। उसने आगे कहा- UP-बिहार बॉर्डर पर शराब की तस्करी ने हम जैसे बेरोजगारों को कमाई का जरिया दिया। रोजाना 50 पेटी शराब बिहार बॉर्डर तक पहुंचाता हूं। एक पेटी पर 1 हजार तक कमाई है। रोजाना 35 से 50 हजार रुपए इनकम हो जाती है, यानी महीने की 10 से 15 लाख रुपए। पूरी खबर पढ़िए बिहार में होली पर शराब की होम डिलीवरी हो रही है। भास्कर रिपोर्टर ने जब ग्राहक बनकर एक एजेंट से संपर्क किया तो उसने घर तक शराब की डिलीवरी देने का ऑफर दिया। ये हाल तब हैं जब शराबबंदी हुए 9 साल हो चुके हैं। तीन साल पहले यानी 2022 में ही जहरीली शराब ने बिहार में होली पर 32 जानें ले ली थीं। भागलपुर में 17, बांका में 12 और मधेपुरा में 3 लोगों की जान चली गई थी। इस बार भी शराब कारोबारी मुनाफा कमाने के लिए लालच में मिलावटी शराब बेच रहे हैं। कुछ ही दिनों पहले जहरीली शराब से बेतिया में 6 लोगों की मौतें हुईं थीं। कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। कुछ को हमेशा के लिए बीमारियों ने पकड़ लिया। इससे ये साबित होता है कि बिहार में शराबबंदी फेल हो रही है। पिछले महीने भास्कर के इंवेस्टिेगेशन में भी खुलासा हुआ था कि यूपी बॉर्डर से शराब बिहार नदी के रास्ते भेजी जा रही है। ऐसे में आप अपनी जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहते तो शराब से दूर रहें। पढ़िए, शराब तस्कर और भास्कर रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत… रिपोर्टर- होली नजदीक है, हमको सामान चाहिए। लालू जी आपका नंबर दिए हैं और आपसे बात कर लेने के लिए कहा है। तस्कर- ठीक है, दीपक को जानते हैं आप? रिपोर्टर- कौन दीपक? दीपक कबाड़ी क्या? तस्कर- हां, दीपक के सिर के बाल का कलर क्या है? रिपोर्टर- दीपक कबाड़ी के सिर पर तो बाल ही नहीं है। तस्कर- अच्छा ठीक है, कब माल चाहिए? रिपोर्टर- हमको होली के दो दिन पहले चाहिए। तस्कर- माल कहां डिलीवर करना है? रिपोर्टर- पटना के दीघा में पहुंचा दीजिएगा। तस्कर- ठीक है, माल पहुंच जाएगा। रिपोर्टर- कौन कौन ब्रांड रखे हैं? कितना में देंगे और कैसे लाएंगे। तस्कर- रेट अभी नहीं बताएंगे, जब डिलीवरी होगी तब आपको रेट बता दिया जाएगा, क्योंकि दाम बढ़ते-घटते रहता है। हमको ऑनलाइन पैसा नहीं दीजिएगा। जब माल पहुंच जाएगा, तब आप पैसा दीजिएगा। आपको बियर, 8pm सहित जो माल खोजेंगे, सब मिलेगा। कितना चाहिए बता दीजिए। रिपोर्टर- पटना के दीघा में पहुंचा देंगे ना? तस्कर- हां, माल पहुंच जाएगा। रिपोर्टर- किस रास्ते से लेकर आएंगे? तस्कर- उससे आपको क्या मतलब है? आप एड्रेस दीजियेगा, आपके एड्रेस तक माल पहुंच जाएगा। हम कैसे लायेंगे, किस रास्ते से लायेंगे, उससे आपको क्या मतलब है? आपको माल से मतलब है ना, आप आप पैसा दीजिए और माल लीजिए। रिपोर्टर- कौन-कौन डिलीवर कर देंगे? तस्कर- जो ब्रांड कहिएगा सब लाकर दे देंगे? रिपोर्टर- आप यूपी से ही न लाकर देंगे? डुप्लीकेट नहीं न देंगे? तस्कर- हम कहां से लाएंगे उससे आपको क्या मतलब है। रही बात डुप्लीकेट की तो कलर मिलाकर भी दे देते हैं, वह आपको सस्ता में ही मिल जाएगा। रिपोर्टर- डुप्लीकेट से तो आदमी भी मरता है। तस्कर- तो उससे आपको क्या मतलब है? अब पढ़िए यूपी से कैसे बिहार में शराब की तस्करी हो रही…. गंगा और घाघरा से रोजाना लाखों की शराब UP से बिहार पहुंचाने का सुरक्षित रास्ता बन गया है। दैनिक भास्कर की टीम ने खोजबीन में पानी के जरिए शराब की तस्करी देखी। बलिया दो तरफ से गंगा और घाघरा नदी से घिरा है। इस एरिया को दोआबा कहते हैं। इन इलाकों में खनन और शराब तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। शहर और कस्बों से दूर इन इलाकों में शाम होते-होते सन्नाटा छा जाता है। फिर इन इलाकों में नदी किनारे बसे लोग ही दिखते हैं। जो गांव नदी किनारे हैं, उसके लोग शराब तस्करी से जुड़े हैं। बरसात के समय नदियां लबालब होती हैं, लेकिन बाकी दिनों में पानी कम होता है। शराब तस्करी उन घाटों से होती है, जहां ज्यादा आवाजाही न हो। ज्यादातर तस्करी रात में होती है। UP के घाट से शराब लदती है और एक से तीन किलोमीटर दूर ही बिहार का बॉर्डर आ जाता है। दोनों नदियों के उस पार बिहार का बॉर्डर एक तरफ बिहार तो दूसरी तरफ UP का बलिया जिला। गंगा के उस पार बिहार का भोजपुर (आरा) जिला और घाघरा के उस पार छपरा जिला पड़ता है। यह जल सीमा 150 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका फायदा दोनों तरफ के तस्कर उठाते हैं। बलिया के तस्कर, बिहार के तस्कर को नाव पर माल उपलब्ध कराते हैं। जानिए, कैसे बनती है जहरीली शराब फिजिशियन डॉ. राणा एसपी सिंह के मुताबिक, नशा बढ़ाने के लिए स्पिरिट (मेथनॉल) की मात्रा बढ़ा दी जाती है। इसके अलावा ही नशे की गोलियां भी डालते हैं। स्पिरिट ज्यादा होने से शराब जहरीली हो जाती है। जबकि, शराब की फैक्ट्रियों में हर स्तर पर तय मानक के अनुसार ही काम्बिनेशन किया जाता है। लैब में जांच होती है, सो अलग। होम्योपैथी दवा के नाम पर लाते हैं स्पिरिट सारण पुलिस की छापेमारी में कई बार ये सामने आ चुकी है कि होम्योपैथी दवा बनाने के नाम पर सप्लायर यूपी से अलग-अलग तरकीब के माध्यम से स्पिरिट लाते हैं। इसके बाद इसमें ये अपने हिसाब से पानी मिलाकर शराब बनाते हैं। इसी में कॉम्बिनेशन बिगड़ने पर शराब जहरीली होती है। दो बार पीते पकड़े गए तो जुर्माना देकर छूट जाएंगे; तीसरी बार नशे में मिले तो सीधे जेल शराबबंदी कानून के तहत पहली और दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर पुलिस या मद्य निषेध विभाग के अधिकारी ऑन द स्पॉट जुर्माना लेकर छोड़ देंगे। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी। जुर्माना 5 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक हो सकता है। यह राशि संबंधित मजिस्ट्रेट तय करेगा, लेकिन यह राहत दो बार के ही लिए है। अगर तीसरी बार नशे में पकड़े गए तो जुर्माने का नहीं, सीधे जेल होगी। इसके अलावा शराब के धंधे में पकड़े गए वाहन को जब्ती के बाद पेनल्टी लेकर छोड़ दिया जाएगा। —————– ये भी पढ़ें… UP-बिहार बॉर्डर पर शराब तस्करी में नौकरी से ज्यादा पैसा:गंगा-घाघरा के किनारे स्टार्टअप बना शराब तस्करी, सरकार की कमाई 8 गुना बढ़ी मैं 16 साल की उम्र से शराब तस्करी कर रहा हूं। इस धंधे में हमने कई लोगों को खड़ा किया। कुछ लोग तो जेल में हैं, लेकिन हम कभी जेल नहीं गए। जब से शराबबंदी हुई है, हमने खूब पैसा कमाया। ये कहना है 22 साल के शराब तस्कर सनी साहनी का। उसने आगे कहा- UP-बिहार बॉर्डर पर शराब की तस्करी ने हम जैसे बेरोजगारों को कमाई का जरिया दिया। रोजाना 50 पेटी शराब बिहार बॉर्डर तक पहुंचाता हूं। एक पेटी पर 1 हजार तक कमाई है। रोजाना 35 से 50 हजार रुपए इनकम हो जाती है, यानी महीने की 10 से 15 लाख रुपए। पूरी खबर पढ़िए  

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